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क्यों ज़रूरी है हँसना

क्यों ज़रूरी है हँसना 

                                                                                   
हँसना मनुष्य का प्राकृतिक स्वाभाव है। जब हम छोटे थे तो पूरा दिन ही हंसी-मजाक में गुजर जाता था…फिर हम बड़े होने लगे…हमे higher studies करनी थी..अच्छी नौकरी पानी थी…life में खुद को सेट करना था… अब हम खुद को seriously लेने लगे और इसी चक्कर में हमने अपने चेहरे की मुस्कान कहीं न कहीं खो दी। और अब तो लोग जितना हँसते हैं उससे कहीं अधिक Whatsapp और Facebook पे smiles बनाते हैं!
आज अपने इस लेख के माध्यम से मैं कोशिश करूँगा कि आप एक बार फिर से हंसने की importance को समझें, आप जाने कि क्यों ज़रूरी है हँसना?
मित्रों यदि आप अपने व्यक्तित्व के निर्माण में लगे हैं तो आपको आवश्यकता है – हंसी की,  चेहरे पर मुस्कान बनाये रखने का अभ्यास करने की और विनोदप्रिय बनने की : जिससे आप उदासी, तनाव, अवसाद, चिंता, इर्ष्या, क्रोध आदि पर काबू पा सकें और अपने व्यक्तित्व एवं जीवन में चमत्कारी परिवर्तन ला सकें।
अब तो  मल्टीनेशनल कंपनिया भी दफ्तर में light atmosphere कायम करने के लिए ऐसे व्यक्तियों की नियुक्ति करने में बहुत गम्भीर होती जा रही हैं जो work place में humour को promote कर सकते। इस काम के लिए कंपनियों ने “Humour Consultant ” के पद सृजित किये हैं क्योंकि उनका मानना है कि ऐसे माहौल में:
o व्यक्ति दोगुनी गति से कार्य करता है।
o उसकी कार्य क्षमता को प्रोत्साहन मिलता है।
o Boss से बेहतर संवाद कायम कर सकता है।
o व्यक्ति चुस्त एवं फुर्तीला रहता है, आदि।
मुस्कुराहट एक ऐसी वस्तु है जिसे हम सबको दे सकते है। यदि आपने प्रसन्नचित रहने का स्वभाव बना लिया है, हंसने-मुस्कुराने को जीवन का अंग बना लिया है तो निश्चित ही आप आगे बढ़ते रहेंगे। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और आप जहाँ कहीं होंगे, वहीँ अपनी मुस्कान से लोगों को अपनी ओर खीच लेंगे। आप लोगों से जुड़ेंगे और लोग आपसे।
महात्मा गांधी, चर्चिल, अब्राहम लिंकन, बनार्ड शा, सुकरात आदि कुछ नाम ऐसे है जिन्होंने मुस्कुराहट और विनोदप्रियता को अपनाकर स्वयं को चिंतामुक्त रखा था।
यहाँ तक कहा जाता है कि सुकरात ने जब जहर का प्याला पिया तो वो मुस्कुरा रहे थे।
व्यक्तित्व निर्माण के क्षेत्र में महान हस्ती स्वेट मार्डन ने लिखा है-
मुस्कुराहट पर खर्च कुछ नही आता है पर यह पैदा बहुत करती है इसे पाने वाले मालामाल हो जाते है परन्तु देने वाले भी दरिद्र नही रहते है। एक क्षण की मुस्कान कभी कभी स्मृति बन जाती है जो बहुत काम आती है। तब भी यह मोल नही ली जा सकती है, माँगी नही जा सकती है, उधार नही दी जा सकती है क्योंकि जब तक यह दी ना जाए तब तक संसार में यह किसी के कुछ काम की नही है।
मुस्कुराहट के बारे में ये शब्द मील के पत्थर है जिन पर मनन करके आप अपने व्यक्तित्व में पर्याप्त निखार ला सकते है।
लार्ड बायरन ने भी कहा है “जब मौका मिले, हमेशा हंसे क्योंकि इससे सस्ती दवा कोई नही है” सचमुच, laughter is the best medicine.
मुस्कान के गुण
शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक रूप से हंसी और मुस्कान के अनेक गुण हैं, जैसे-
o हंसी से आँखों में चमक पैदा होती है।
o अवसाद या depression से मुक्ति मिलती है दुःख के क्षण उड़ जाते है।
o स्वास्थ्य का संतुलन, जो अनिद्रा या किसी बुरी सूचना के कारण नष्ट हो गया है, हंसने से पूर्णतप्राप्त हो जाता है।
o मुस्कुराहट से आत्मविश्वास में वृध्दि होती है और परस्पर मेल-जोल बढ़ता है।
o किसी कार्य को दोहराने की शक्ति मिलती है।
o समस्याओ पर काबू पाने में मदद मिलती है।
o आत्मशक्ति को बल मिलता है।
o हीन भावना दूर होती है और हमारा चेहरा तुलनात्मक रूप से अधिक सुंदर नजर आता है।
ध्यान रखने योग्य बाते:
o हंसी मर्यादित होनी चाहिए ताकि आपकी हंसी से दुसरे के उपहास की झलक ना नजर आये।
o बनावटी हंसी से आपके दिमाग का खालीपन दिखाई देगा।
o बिना मौके और बिना सोचे समझे ना हंसे।
o जो स्वयं को एक इमेज से बांधे हुए, उनकी हंसी लादी हुयी प्रतीत होती है जो सिर्फ होंठो के किनारों तक सीमित रह जाती है। ऐसे व्यक्तियों में Sense of Humour का गुण समाप्त हो जाता है।
o यदि आप दुसरो से मजाक करके हंसते है तो स्वयं भी यह गुण उत्पन्न करे कि दुसरो के मजाक को भी सहन कर सके।
o दुर्बल व्यक्तियों, विकलांगो या किसी बीमारी की स्तिथि पर हंसना स्वयं को अपनी नजर से नीचे गिराना है।
शेक्सपियर ने कहा है-
तुम्हे क्या करना चाहिए ?तुम्हे जो कुछ भी करना चाहिए, उसे अपनी मुस्कुराहट से प्राप्त करो ना कि तलवार के जोर से।
मुस्कुराने वाला व्यक्ति स्वयं तो खुश रहता है दुसरो को भी खुश करता है। मुस्कान वाला चेहरा कोई भी काम आसानी से करा लेता है। नेपोलियन का जो काम उसके एक दर्जन नौकर नही कर पाते थे वो काम उसकी पत्नी जोजेफाइन अपनी मुस्कुराहट से करा देती थी।
कहाँ गयी आपकी मुस्कान?
आप दिन भर में कितनी बार मुस्काराते हैं और कितनी बार खिलखिला कर हँसते हैं? क्या पहले की अपेक्षा आपकी मुस्कराहट गायब सी होती जा रही है? क्या वो दोस्तों के साथ ठहाके लगाना बीती बात बन चुकी है? यदि,” हाँ” तो आप अपनी लाइफ को गलत तरीके से जी रहे हैं!
एक तरफ आप अपनी लाइफ को बेहतर बनने की जद्दोजहद में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और दूसरी तरफ यही मेहनत आपकी हंसी ही उडाये जा रही है! अपनी लाइफ में balance लाइए। जीवन में आगे बढना बहुत ज़रूरी है, पर मुस्कराहट के साथ…मुस्कराहट के बिना नहीं!
इसलिए अगर आप उन लोगों में से हैं जिनका smile balance zero हो चुका है या इसके करीब है तो सब कुछ छोड़ कर एक बार शांति से बैठिये और अपनी लाइफ के भीतर झांकिए, समझने की कोशिश करिए कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं अगर वो आपकी मुस्कान आपसे छीन रहा है तो कहीं न कहीं चीजों को बदलने की ज़रूरत है…चलिए चीजों को बदल डालिए…चलिए, एक बार फिर उसी मुस्कान को…उसी खिखिलाहट को वापस बुलाइए और इस ज़िन्दगी को सचमुच हसीन बनाइये!

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