Hindu Kathaavaachakon Se Apeel
हिंदू कथावाचकों से अपील , Hindu Kathaavaachakon Se Apeel
- भारत इतिहास में एक बेहद निर्णायक मोड़ पर खड़ा है । 1947 एक गृहयुद्ध था जिसमें भारत के दो टुकड़े कर दिए गए और जिहादियों की आबादी अब इस हद तक बढ़ चुकी है भारत एक दूसरा 1947 अपने सामने खड़ा देख रहा है । फुलवारी शरीफ में जिहादियों के हाथ से जो दस्तावेज पुलिस ने जब्त किए हैं उसमें 2047 तक भारत को पूरी तरह इस्लामिक मुल्क बना देने का ख्वाब देखा गया है
-लेकिन जब भारत 2047 से सिर्फ और सिर्फ 25 साल दूर है हमारे देश के कथावाचक आखिर क्या कर रहे हैं ? हमारे देश के ज्यादातर कथावाचक धर्म के नाम पर पूरा पाखंड कर रहे हैं । मैं जब श्रीवाल्मीकि रामायण पढ़ता हूं तो उसमें ये लिखा हुआ पाता हूं कि लक्ष्मण जी, प्रभु श्री राम से कहते हैं कि है प्रभु अगर आप और अयोध्या के सिंहासन के बीच में कोई भी आया तो मैं उसको नष्ट कर दूंगा । यहां तक श्री लक्ष्मण अयोध्या विध्वंस तक की बात भी कर देते हैं कि अयोध्या में कोई रामद्रोही जीवित नहीं बचेगा लेकिन हमारे देश के कथावाचक भक्ति के नाम पर लोगों को नाचना और कूदना सिखा रहे हैं ।
-नाचने कूदने और मंच पर ठारे रहिए बांके सरदार जैसे फूहड़ और अश्लील गाना गाने वाले दुराचारी बापू जैसे कुसंतों के सभाओं में भारी भीड़ उमड़ती है । शराब का फायदा बताने वाली कथित देवियों की सभाओं में भारी भक्तों की संख्या नजर आती है और इनके यू्ट्यूब पर लाखों लाख व्यूज आते हैं । दरअसल ये ज्यादातर मूर्ख माने जाने वाले हिंदुओं को यही समझाने का प्रयास है कि बस नाचना गाना ही भक्ति है और थोड़ा बहुत दान पुण्य करना ही धर्म है । हिंदू कथावाचकों से अपील , Hindu Kathaavaachakon Se Apeel
-जिस तरह रेत में सिर छुपाने से सामने खड़ा संकट खत्म नहीं होता है उसी तरह गजवा ए हिंद से मुंह फेर लेने से गजवा ए हिंद से बचाव नहीं होने वाला है । ये कथावाचक और संत आखिर हिंदू समाज को सच्चाई से रूबरू क्यों नहीं करवा रहे हैं । जिहादियों के मजहबी उलमा कैसे जिहादियों की भीड़ को मजबूती के रास्ते पर ले जाते हैं अनुशासन सिखाते हैं मगर ये बहुत गौर करने वाली बात है कोई आलिम अपनी सभा में कव्वाली पर थिरकता हुआ नजर नहीं आता है बल्कि वो अपनी जुबान से जहर उगलता है और अपने समाज को ये सिखाता है कि देखो तुम्हारा फायदा भाईचारे में है लेकिन हमारे धर्मगुरु आज भी हमको तोड़ने फोड़ने और जाति के आधार पर बांटने में ही लगे हुए हैं ये देखकर अत्यंत दुख होता है कि वो हिंदुओं के उद्धार के लिए कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं
-हिंदू समाज के धन पर करोड़ों अरबों का खेल चल रहा है । ज्यादातर ये बड़े बड़े कथावाचक ब्याज पर पैसे दे रहे हैं । ये पैसा सीधा सीधा काला धन है जो कौन सी दीवार में चुनवा दिया जाएगा किसी को पता भी नहीं चलेगा ये कहां सोने का बिस्किट में बदल जाएगा पता भी नहीं चलेगा और फिर हिंदू समाज की कमजोरियों का फायदा उठाकर कोई तैमूर या गजनबी आएगा और हिंदू समाज का धन लूट कर ले जाएगा ।
-राधा कृष्ण की लीलाओं पर ठुमक ठुमक कर कथावाचन करने से क्रांति नहीं आएगी । तलवारों की झंकारों के नाद से हिंदुओं को अपनी रगों में बह रहे अपने महान पूर्वजों के तप्त रक्त का अनुभव होगा । जो लोग भी अखबार पढते हैं उनको पता होगा कि फुलवारी शरीफ जैसे ट्रेनिंग सेंटर में पीएफ आई जैसे संगठनों ने हजारों जिहादियों को ट्रेनिंग दे कर रवाना कर दिया । आखिर कितने हिंदुओं को किसी धर्मगुरु की संस्था ने आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया ।
-ये सब देखकर सुनकर बहुत कष्ट होता है कि आजकल हिंदू समाज सिर्फ एक ही बच्चा कर रहा है और उस एक बच्चे के गले में भी उसकी मां एक पानी की बोतल लटका देती है कि जैसे ही बच्चे को प्यास लगे वो पानी पी लेगा । बच्चा भी एक ही कर रहे हैं और उसको भी कष्ट सहने योग्य नहीं बना रहे हैं । राजा महाराज अपने राजकुमारों को कष्ट सहने का भीषण प्रशिक्षण देते थे लेकिन आज कल मध्यमवर्गीय परिवारों के लोग अपने बच्चों को राजकुमार जैसा सुकुमार बना रहे हैं । याद रखना अगर ऐसा ही एटीट्यूड रहा तो हिंदुओं की हर नाजुक गर्दन पर कराची वाला खंजर चलेगा जो चौड़ा होता है उसके दांत होते हैं और गर्दन के साथ वो मांस को भी उधेड़ कर निकाल देता है.... ऐसे ही खंजर का इस्तेमाल उदयपुर मर्डर में हुआ था जिसका डिजाइन पाकिस्तान से व्हाटसएप के द्वारा हत्यारों को प्राप्त हुआ था... बकौल उदयपुर पुलिस । हिंदू कथावाचकों से अपील , Hindu Kathaavaachakon Se Apeel
-इसलिए हे धर्मगुरुओं और कथावाचकों ! अपने लिए नहीं धर्म की रक्षा के लिए विचार करो और हे हिंदुओं ऐसे नचनिया कथावाचकों से दूरी बना लो अन्यथा तुम्हारा विनाश निश्चित है कोई भगवान कृष्ण और भगवान राम भी अवतार लेकर तुम्हारी रक्षा नहीं कर सकेंगे । क्योंकि प्रकृति की विनाशलीला यही है कि जो कमजोर है उसकी गर्दन कटती ही है । और तुम अगर नहीं जागे तो रहोगे अभागे ! तुम्हारे पापों का भुगतान तुम्हारी पीढ़ियां करेंगी !