क्या आप जानते हैं
1 देशी गाय के गोमूत्र और गोबर से 15 एकड़ में जीरो बजट की खेती की जा सकती है ।
नहीं ना
तो जानिए यह कॉन्सेप्ट आपको क्यों पता नहीं
जबकि वैज्ञानिकों ने इसे सिद्ध करके दिखाया है
फिर कौन लोग हैं जो इस बात को किसानों तक नहीं पहुँचने देना चाहते ???
तो समझिए सत्य को
मल्टीनेशनल कंपनियों की लॉबी जो फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड बनाती हैं उनका भारी नुकसान होगा यदि किसान गोमूत्र और गोबर से खाद बनाने का आधुनिक तरीका सीखकर केमिकल फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड का उपयोग बन्द कर देगा । (जीरो बजट की खेती , Zero Bajat Ki Kheti)
ऐसी सभी कंपनियों का साझा मंच और उनके वित्तपोषित लोग नहीं चाहते कि किसान के हाँथ वह ज्ञान लगे जिससे एक देशी गाय से वह 15 एकड़ में बिना केमिकल फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड के खेती कर सके ।
इसके पीछे मेडिकल सेक्टर भी लगा हो सकता है क्योंकि केमिकल फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड से पैदा होने वाले कृषि उत्पाद जब मनुष्य उपयोग करेगा तो बीमारी भी होगी
बीमारी होगी तो डॉ की जरूरत पड़ेगी जहाँ से जाँच प्रक्रिया के बहुत बड़े सेक्टर को और मेडिसिन लाइन को रोजगार मिलता है इसमें मशीनरी से लेकर रा मटेरियल तक के क्षेत्र को रोजगार मुहैया होता है ।
सोचिए आधुनिकता के नाम पर कितना बड़ा खेल आपके जीवन के साथ खेला जा रहा है । शोशल मीडिया पर एक बहुत बड़ा समूह गोबरभक्त गोमूत्रभक्त कहकर इसीलिए ट्रोल करता है ताकि कृत्रिमता का कारोबार फलता फूलता रहे और आप भारतीय हीन भावना के शिकार होकर इस दिशा में न तो सोचें न ही कुछ नया प्रयोग करें ।
तो आइए शुरू करें (जीरो बजट की खेती , Zero Bajat Ki Kheti)
हर किसान न्यूनतम 1 गाय रखें
दूध जब तक देगी घर के लोगों को शुद्ध दूध घी मट्ठा दही मिलेगा ।
छुटा जाने पर भी गोबर गोमूत्र तो मिलेगा ही ।
किसान हैं तो गाय जरूर रखें
गाय हर हालत में फायदा ही देगी ।
जो घास पात जला देते हैं वही गाय का भोजन है ।