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Anant Laxman Kanhere Biography in Hindi - स्वतंत्रता सेनानी अनंत लक्ष्मण कन्हेरे की जीवनी

Anant Laxman Kanhere Biography in Hindi - स्वतंत्रता सेनानी अनंत लक्ष्मण कन्हेरे की जीवनी

                                                                                     
शहीद अनंत लक्ष्मण कन्हेरे (Anant Laxman Kanhere) का जन्म 1891 में इंदौर में हुआ था | उनके पूर्वज महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के निवासी थे | अनंत (Anant Laxman Kanhere) की आरम्भिक शिक्षा इंदौर में हुयी और फिर आगे की शिक्षा के लिए वे अपने मामा के पास औरंगाबाद चले गये | उस समय भारत की राजनीती में दो विचारधाराए स्पष्ट रूप से उभर रही थी | एक ओर कांग्रेस अपने प्रस्तावों के द्वारा भारतवासियों के लिए अधिक से अधिक अधिकारों की मांग कर रही थी और अंग्रेज सरकार इन मांगो की उपेक्षा करती जाती थी |
दुसरी ओर क्रांतिकारी विचारों के युवक थे जो मानते थे कि सशस्त्र विद्रोह के जरिये ही अंग्रेजो की सत्ता उखाड़ी जा सकती है | जब हिन्दू और मुसलामानो में मतभेद पैदा करने के लिए सरकार ने 1905 में बंगाल का विभाजन कर दिया तो क्रांतिकारी आन्दोलन को इससे ओर भी बल मिला | महाराष्ट्र में “अभिनव भारत” नाम का युवको का संघठन बना और अखाड़ो के माध्यम से वे क्रांति की भावना फैलाने लगे | विनायक सावरकर और गणेश सावरकर इस संघठन के प्रमुख व्यक्ति थे | अनंत लक्ष्मण कन्हेरे (Anant Laxman Kanhere) भी इस मंडली में सम्मिलित हो गये |
1909 में विदेशी सरकार के विरुद्ध सामग्री प्रकाशित करने के अभियोग में जब गणेश सावरकर को आजन्म कारावास की सजा हो गयी तो क्रांतिकारी ओर भी उत्तेजित हो उठे | उन्होंने नासिक के जिला अधिकारी जैक्सन का वध करने इसका बदला लेने का निश्चय किया | कन्हेरे (Anant Laxman Kanhere) ने यह काम करने का जिम्मा अपने उपर लिया | पिस्तौल ला प्रबंध हुए और 21 दिसम्बर को , जब जैक्सन मराठी नाटक देखने के लिए आ रहा था कन्हेरे ने नाट्य-गृह के द्वार पर ही उसे अपनी गोली का निशाना बनाकर ढेर कर दिया |
इसके बाद गिरफ्तारिया हुयी और दो मुकदमे चले | जैक्सन की हत्या के मामले में अनंत लक्ष्मण कन्हेरे  , कर्वे और देशपांडे को फांसी की सजा हुयी | दुसरे मुकदमे में राजद्रोह फैलाने के अभियोग में 27 लोगो को सजा मिली , जिनमे विनायक दामोदर सावरकर को आजन्म कैद की सजा हुयी | अनंत लक्ष्मण कन्हेरे (Anant Laxman Kanhere) 11 अप्रैल 1910 को 19 वर्ष की उम्र में फांसी पर लटका दिए गये |

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