काली जीरी (Kali jeeri) की पहचान अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुणों वाली एक खास जड़ी-बूटी के रूप में की जाती है। इसे काला जीरा भी कहा जाता है और देखने में यह सामान्य जीरे से थोड़ा अलग व काले रंग का होता है। काली जीरी बेहद कड़वी होती है और इसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए भी किया जाता है।
हालांकि, भारत के कुछ हिस्सों में काली जीरी को व्यंजनों के मसाले के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। काली जीरी में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण छिपे होते हैं और इसलिए इसकी मदद से घर पर ही कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज किया जाता है। आजकल मार्केट में काली जीरी के साबुत बीज, काली जीरी का पाउडर व इससे बने कई प्रोडक्ट आसानी से मिल जाते हैं।
काली जीरी के फायदे (Benefits of Black cumin)
काली जीरी में कई प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं, जिनसे मिलने वाले प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में निम्न शामिल हैं -
वजन कम करने में प्रभावी है काली जीरी
काली जीरी में कई ऐसे खास प्रकार के तत्व पाए जाते हैं, जो आपको मोटापे का शिकार होने से बचा सकते हैं। आजकल मार्केट में कई ऐसे एंटी-ओबिसिटिक प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, जिनमें काली जीरी का इस्तेमाल किया गया है।
काली जीरी से करें पाचन क्रिया को तेज
काली जीरी में खास प्रकार के शक्तिशाली डाइजेस्टिव गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के पाचक रसों व अन्य एंजाइमों को स्रावित कर देते हैं। साथ ही काली जीरी की मदद से पेट में दर्द, गैस व कब्ज जैसी समस्याओं का इलाज भी किया जा सकता है।
कैंसर की रोकथाम में मदद करती है काली जीरी
कुछ अध्ययनों के अनुसार काली जीरी में खास प्रकार के एंटी-कैंसर गुण भी पाए जाते हैं, जिनकी मदद से शरीर में होने वाले कई प्रकार के कैंसर विकसित होने से रोकथाम की जा सकती है।
काली जीरी से करें सिरदर्द का इलाज
काली जीरी कुछ लोगों के शरीर में जाकर एक एनाल्जेसिक एजेंट के रूप में काम कर सकती है। जिन लोगों को सिरदर्द या माइग्रेन की शिकायत है, उनके लिए काली जीरी का सेवन करना काफी लाभदायक हो सकता है।
हालांकि, काली जीरी से प्राप्त होने वाले उपरोक्त लाभ प्रमुख रूप से कुछ अध्ययनों व प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित हैं और हर व्यक्ति के शरीर पर इसका अलग प्रभाव पड़ सकता है।
पाचन के लिए
काला जीरा बेनिफिट्स पाचन में हो सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, काला जीरा कई समस्याओं के लिए ट्रेडिशनल उपचार के रूप में काम करता है, जिनमें से एक पाचन भी है। इसे डाइजेस्टिव यानी पाचन में मदद करने वाला कहा जाता है, जो पाचन को बेहतर करने के साथ ही डाइजेस्टिव ट्रैक्ट से जुड़ी परेशानी को दूर कर सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि काला जीरा का काढ़ा पीने से अपच की परेशानी भी कम हो सकती है।
सर्दी और बुखार
सर्दी और बुखार से राहत पाने के लिए भी काला जीरा का उपयोग कर सकते हैं। इसे सर्दी के लिए पारंपरिक दवाई के रूप में उपयोग किया जाता है। साथ ही काला जीरा को बुखार को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है। भले ही काला जीरा सर्दी और बुखार को कम कर सकता है, लेकिन इसमें मौजूद कौन-सा गुण इसमें सहायक होता है, इसको लेकर अभी अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
इम्यूनिटी
काला जीरा खाने के फायदे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिसर्च में दिया है कि काला जीरा म्यूनोमॉड्यूलेटरी व थेराप्यूटिक गुण से समृद्ध होता है। ये गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर एलर्जी रोग जैसे एलर्जिक राइनाइटिस, ब्रोन्कियल अस्थमा, एटोपिक एक्जिमा अदि को होने से रोक सकता है।
वजन घटाने के लिए
मोटापा और वजन बढ़ाने से परेशान है, तो काला जीरा के फायदे दिखाई दे सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो काला जीरा के बीज में एंटी ओबेसिटी गुण होता है, जो मोटापा को कम करने में मुख्य भूमिका निभाता है। साथ ही इससे कमर के आकार और बॉडी मास इंडेक्स में भी कुछ हद तक कमी नजर आ सकती है। ऐसे में वजन को कम करने के लिए काला जीरा को आहार में शामिल कर सकते हैं।
पेट में दर्द
पेट व आंत से जुड़ी परेशानियों के लिए भी काला जीरा का इस्तेमाल अच्छा माना जाता है। एनसीबीआई में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में लिखा है कि काले जीरे से पेट फूलने, उल्टी और जी-मितलाने की परेशानी से राहत मिल सकती है। इसके अलावा, काला जीरा में मौजूद एनाल्जेसिक प्रभाव दर्द को कम करता है, यह तो हम बता ही चुके हैं। ऐसे में काले जीरे को पेट दर्द के लिए भी उपयोगी माना जा सकता है।
कैंसर
कैंसर जैसी घातक समस्या से हर कोई बचकर रहना चाहता है। इस समस्या को दूर रखने में काला जीरा मददगार साबित हो सकता है। इस संबंध में एनसीबीआई द्वारा जारी किए गए रिसर्च से पता चलता है कि काला जीरा में एंटी कैंसर गुण मौजूद होता है, जो कैंसर से बचाव कर सकता है। साथ ही इसे अल्टरनेटिव कीमोथेरपी के रूप में भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। बस ध्यान दें कि काला जीरा कैंसर का इलाज नहीं है, इस गंभीर समस्या का मेडिकल ट्रीटमेंट ही करवाना चाहिए।
त्वचा के लिए
काला जीरा बेनिफिट्स त्वचा से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए भी देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, काला जीरा में एंटी-माइक्रोबियल गुण, एंटी-इंफ्लेमेटरी के साथ ही वूंड हीलिंग और स्किन पिगमेंटेशन को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। ये गुण सोरायसिस, मुंहासे, घाव, जलन, सूजन और पिगमेंटेशन यानी काले दाग धब्बों की समस्या से राहत दिला सकता है। काला जीरा का पेस्ट एक्जिमा और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं में लगाने से राहत मिल सकती है।
बालों के लिए
काले जीरे के फायदे बालों पर भी नजर आ सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक शोध की मानें, तो काले जीरे के तेल को बालों में लगाने पर बालों में चमक, बनावट में सुधार और बालों की समस्याओं में कमी आ सकती है। ऐसे में बालों की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति इसके तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।