जीरा एक सुगंधित मसाला है जिसे भारत में बड़े पैमाने भोजन का जायका बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। जीरा गाजर व अजमोद के परिवार के सदस्य माने जाते है। जीरा चावल लोगो को बहुत पसंद आता है। इसके अलावा यूरोप और एशिया में जीरा का उपयोग किया जाने लगा है। शायद जानते नहीं होंगे जीरा में औषधीय गुण होता है
जो कई तरह के बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। जीरा को पुराणों में अच्छा घरेलु उपचार माना गया है। स्तनपान वाली महिला में दूध की कमी सुधार करता है। जीरा के बीज स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते है। यह डायबिटीज के मरीज के शुगर के स्तर को कम करने में व मोटापा कम करने में मदद करता है। चलिए आपको जीरा के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी देंगे।
जीरा के फायदे और उपयोग
आप मसाले के अलावा जीरा का औषधीय प्रयोग भी सकते हैं। यहां जीरा के इस्तेमाल की मात्रा, और विधियों की जानकारी दी जा रही हैः-
1. खट्टी डकार आने पर जीरा का उपयोग
कुछ भी उल्टा-सीधा खाने पर खट्टी डकार होना बहुत ही आम बात है। खट्टी डकार होने पर 200 मिली जल में 50 मिली जीरा डालकर काढ़ा बना लें। इसे गर्म करें। जब काढ़ा 50 मिली रह जाए, तो उतारकर छान लें। इसमें काली मिर्च का चूर्ण 4 ग्राम, नमक 4 ग्राम डालकर पिएं। इससे खट्टी डकार आनी बंद हो जाती है। इसके साथ ही मल त्याग करने में परेशानी नहीं (jeera water benefits) होती है।
2. त्वचा के लिए –
जीरे का पानी त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसमें विटामिन ई अच्छी मात्रा में होता है जो त्वचा की कोशिकाओं को पोषक तत्व प्रदान करता है। इसमें प्राकृतिक रूप से एंटी-एंजिंग के रूप में काम करती है। कुछ अध्ययन के अनुसार जीरा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होता है जो सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल गुण जो संक्रमण को रोकता है।
3. वजन कम करने में –
जो लोग अपना वजन कम करने के बारे में सोच रहे है उनके लिए जीरा एक अच्छा घरेलू उपाय है। इसमें अच्छी मात्रा में वजन कम करने वाले गुण होते है जो चर्बी को कम करते है बल्कि कोलेस्ट्रॉल को भी कम करते है। जीरा को भूनकर पाउडर बना ले और दही में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से आपका वजन कम होने लगेगा और सामान्य शरीर में आ जाएंगे।
4. एसिडिटी की समस्या में जीरा का सेवन
एसिडिटी एक आम परेशानी है। अगर आप भी एसिडिटी से परेशान हैं, तो जीरा, और धनिया के 120 ग्राम पेस्ट को 750 ग्राम घी में पकाएं। इसे रोज 10-15 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे एसिडिटी के साथ-साथ पुरानी कफ की समस्या, पित्त की बीमारी, तथा भूख की कमी ठीक होती है।
5. एनीमिया को दूर करने में –
एनीमिया खून की कमी का विकार जीवन के लिए जोखिम होता है। इन समस्या से बचने के लिए जीरे का उपयोग उचित होता है। जीरा में लौह अधिक मात्रा में होता है जो आयरन की कमी को पूरा करता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ावा देता है जिससे हीमोग्लोबिन आपने आप बढ़ने लगता है। यह एनीमिया के लक्षण को भी कम करता है। जीरे के पाउडर को अपने भोजन में रोजाना उपयोग करे। ऐसा करने से एनीमिया की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
6. पाचन क्रिया को बढ़ाने में –
जीरा में पहले से आयुर्वेदिक गुण होता है जो पेट दर्द, पेट में ऐंठन, मलती, उल्टी, पाचन आदि के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह अग्राशय एंजाइम जो पाचन क्रिया के साथ होता है उसे उत्तेजित करता है। यह पेट के लिए अच्छा घरेलु उपचार है। एक ग्लास पानी में भुना हुआ जीरा मिलाकर सुबह -शाम सेवन करे। आपको कुछ दिनों में अपने आप फरक दिखने लगेगा।
7. माँ का दूध बढ़ाने में –
महिलाओं में दूध की कमी को दूर करने में जीरा बहुत उपयोगी होता है। क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में कैल्शियम और आयरन होता है जो स्तनों में दूध की मात्रा में सुधार कर अधिक कर देता है। इसके अलावा माँ का दूध शिशु को ताकत प्रदान करता है। स्तनदूध को बढ़ाने के लिए गर्म दूध में एक चम्मच जीरा पाउडर को मिलाकर माँ को पीना चाहिए।
8. मधुमेह नियंत्रण करने में –
कुछ शोध के अनुसार जीरा डायबिटीज के रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में माध करता है। जीरे में एंटी विरोधी गुण उपस्थित है जो डायबिटीज के लिए अच्छा माना जाता है। मधुमेह के लिए जीरा का उपयोग सात से आठ चम्मच जीरा को अच्छे से भून ले। इसके बाद जीरे को पिसले यह चूर्ण को दिन में दो बार पिये। आपके मधुमेह नियंत्रित होने लगता है।
9. गर्भाशय की सूजन में जीरा से लाभ
कई महिलाएं गर्भाश्य की सूजन से परेशानी रहती हैं। ऐसे में जीरा का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है। काले जीरे का काढ़ा बना लें, और इस काढ़ा में महिला को बिठाएं। इससे गर्भाशय की सूजन में लाभ होता है। आप काला जीरा के स्थान पर, सफेद जीरा को भी उपयोग में ला सकती हैं।
जीरा खाने का सही तरीका क्या है ?
- जीरा को पानी में उबालकर चाय के रूप में किया जाता है।
- जीरा का उपयोग सुप, अचार, सॉस बनाने के लिए किया जाता है।
- भारतीय घरो में दाल रोजाना पकाई जाती है तड़के के लिए जीरे का उपयोग किया जाता है। उत्तर भारत में जीरा का उपयोग चिकन का स्वाद बढ़ाने के लिए भूनकर उपयोग में लाया जाता है।
- जीरा सब्जी व चावल में डालकर उपयोग किया जाता है। जीरा में घी मिलाकर चावल को बनाते है जिसे जीरा चावल बोलते है।