व्यंजनों का जायका बढ़ाने और इनमें इच्छानुसार तीखापन लाने के लिए लाल मिर्च की अहम भूमिका होती है। हालांकि, कई लोगों को जानकर हैरानी होगी कि व्यंजनों की दुनिया से अलग लाल मिर्च का उपयोग औषधीय रूप से भी किया जा सकता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम शरीर के लिए लाल मिर्च के फायदे के साथ-साथ लाल मिर्च का उपयोग भी बताएंगे। साथ ही सावधानी के तौर पर लेख के अंत में हम लाल मिर्च के नुकसान की भी जानकारी देंगे, ताकि इसका अत्यधिक सेवन न करें। तो लाल मिर्च के फायदे, उपयोग और अन्य जानकारियों के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
लाल मिर्च क्या है
विश्व भर में विभिन्न प्रकार की मिर्च पाई जाती है, जिनमें से एक कैयेने पेपर (लाल मिर्च) भी है। लाल मिर्च का वैज्ञानिक नाम कैप्सिकम एनम है और यह सोलेनेसी परिवार से संबंध रखती है। ये मिर्च लंबी और आमतौर पर पतली होती है। यह स्वाद में तीखी तो होती ही है, साथ ही इसकी तासीर को गर्म माना जाता है। लाल मिर्च कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जिसके बारे में लेख में आगे विस्तारपूर्वक बताया गया है। लाल मिर्च के फायदे व उपयोग , Lal Mirch Ke Fayde va upyog , Benefits and Uses of Red Chili
स्वरभंग में फायदेमंद
कभी-कभी खांसी ज्यादा होने पर गले की आवाज भारी हो जाती है। ऐसी हालत में लाल मिर्च का सेवन इस तरह से करने पर स्वरभंग के अवस्था से निजात मिलता है।
- -शक्कर और बादाम के साथ थोड़ी-सी लाल मिर्च को मिलाकर 125 मिग्रा की गोली बनाकर सेवन करने से स्वरभंग में लाभ होता है।
- -1 लीटर पानी में 10 ग्राम पिसी हुई मिर्च (मिर्च ज्यादा तेज हो तो 5 ग्राम या आवश्यकतानुसार कम ज्यादा करें) डालकर काढ़ा या हिमफाण्ट बना लें, इस पानी का कुल्ला करने से मुखपाक (मुँह में घाव और सूजन) तथा गले में दर्द से जल्दी राहत मिलती है। (मिर्च का अधिक सेवन पित्त-प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए हानिकारक है।
हैजे में फायदेमंद
अगर किसी कारणवश हैजा हो गया है तो लाल मिर्च का ऐसे सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है।
- -लाल मिर्च के बीज अलगकर छिल्कों को महीन पीसकर कपड़े से छान कर थोड़ा कपूर और हींग मिला लें (हींग और कूपर के अभाव में केवल मिर्च ही ले लें)। इन तीनों को शहद में घोटकर 125-250 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। सुबह शाम 1-1 गोली सेवन करने से विसूचिका या हैजा में लाभ होता है।
- -विसूचिका में प्रत्येक उल्टी और दस्त के बाद, रोगी को 1/2 चम्मच मिर्च तेल पिलाने से 2-3 बार में ही रोगी को आराम हो जाता है।
- -लाल मिर्ची को बारीक पीसकर, बेर जैसी गोलियाँ बनाकर रख लें। विसूचिका के रोगी को 1-1 घन्टे के अन्तर से 1-1 गोली व लौंग सात नग देने से विसूचिका की प्रत्येक दशा में आराम हो जाता है।
- -पाँच लाल मिर्च चूर्ण तथा सात बताशे के चूर्ण को जल में घोल कर, शर्बत बनाकर थोड़ी-थोड़ी देर पर सेवन करने से विसूचिका में लाभ होता है।
- -पुरानी अपांप्म, हींग, मरिच, कर्पूर तथा लाल मिर्च बीज चूर्ण को मिलाकर 125 मिग्रा की वटी बनाकर 1-1 वटी का सेवन करने से विसूचिका एवं अतिसार या दस्त से जल्दी आराम मिलती है।
(लाल मिर्च के फायदे व उपयोग , Lal Mirch Ke Fayde va upyog , Benefits and Uses of Red Chili)
पेट की बीमारी में
अक्सर असंतुलित जीवनयापन करने पर पेट की समस्या से सबसे ज्यादा परेशान रहना पड़ता है। ऐसे में लाल मिर्च का सेवन अच्छा होता है। भोजन के साथ मिर्च का सेवन करने से अजीर्ण (अपच), आध्मान (पेट फूलना) तथा विसूचिका (हैजा) में लाभ होता है।
डायबिटीज में फायदेमंद
आजकल की भाग-दौड़ और तनाव भरी जिंदगी ऐसी हो गई है कि न खाने का नियम और न ही सोने का। फल ये होता है कि लोग मधुमेह या डायबिटीज का शिकार होते जा रहे हैं।
मिर्च बीजों के एक बूँद तेल को बतासे में डालकर, लस्सी के साथ खाने से प्रमेह में बहुत लाभ होता है।
उदरशूल या पेटदर्द में लाभकारी
अक्सर मसालेदार खाना खाने या असमय खाना खाने से पेट में गैस हो जाने पर पेट दर्द की समस्या होने लगती है। लाल मिर्च का सेवन औषधि के रुप में करने से आराम मिलता है।
- -100 ग्राम गुड़ में 1 ग्राम लाल मिर्च चूर्ण मिलाकर 1-2 ग्राम की गोली बना के सेवन करने से उदरशूल या पेट दर्द से राहत मिलती है।
- -आधा ग्राम लाल मिर्च चूर्ण को 2 ग्राम शुंठी चूर्ण के साथ मिलाकर सेवन करने से खाने की इच्छा बढ़ने के साथ , पेट के दर्द और आध्मान (Flatulance) में लाभ होता है।
खाने की इच्छा बढ़ाये
पित्त प्रकोप के कारण जिसको भोजन के प्रति अरुचि उत्पन्न हो गई हो, भूख न लगती हो तो आवश्कतानुसार मिर्च बीज तेल की 5-10 बूंद को बतासे में भरकर या शक्कर के साथ खाने से अत्यन्त लाभ होता है।
मूत्र की बीमारी से दिलाये राहत
मूत्र संबंधी बीमारी में बहुत तरह की समस्याएं आती हैं, जैसे- मूत्र करते वक्त दर्द या जलन होना, मूत्र रुक-रुक कर आना, मूत्र कम होना आदि। बांस इस बीमारी में बहुत ही लाभकारी साबित होता है।
ईसबगोल की 3 ग्राम भूसी पर इसके तेल की 5-10 बूंदें मिलाकर जल के साथ देने से पित्तज-मूत्रकृच्छ्र में लाभ होता है।
(लाल मिर्च के फायदे व उपयोग , Lal Mirch Ke Fayde va upyog , Benefits and Uses of Red Chili)
कमर का दर्द करे दूर
शूल या दर्द, कटिशूल या कमरदर्द , पार्श्वशूल और गृध्रसी (Sciatica) में मिर्च तेल की मालिश करने से अथवा जले हुए फलों का लेप लगाने से लाभ होता है।
आमवात में लाभकारी
अक्सर उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द होने की परेशानी शुरू हो जाती है लेकिन लाल मिर्च के तेल से मालिश करने से आराम मिलता है। लाल मिर्च के बीज के तेल की मालिश आमवात में भी लाभदायक होता है।
लकवा के उपचार में
बुखार में यदि बच्चे को हवा लगकर पैरों में लकवे की आशंका हो तो मिर्च के महीन सूखे चूर्ण में तेल मिलाकर मालिश करने से लाभ होता है।
फोड़ा और फून्सी को ठीक करने में करे
-बरसात के मौसम में होने वाले फोड़े-फुन्सियां और खुजली इत्यादि इसके तेल के सेवन से फौरन ठीक हो जाते हैं।
-गर्मी के मौसम में शरीर पर जो फुन्सियां हो जाती हैं, उन पर लाल मिर्च के बीजों का तेल लगाने से शीघ्र आराम हो जाता है। (लाल मिर्च के फायदे व उपयोग , Lal Mirch Ke Fayde va upyog , Benefits and Uses of Red Chili)
सन्नीपात ज्वर से दिलाये आराम
ज्यादा शराब पीने से या किसी संक्रमण के कारण बुखार से राहत दिलाने में लाल मिर्च की भूमिका प्रशंसनीय होती है।
-500 मिग्रा लाल मिर्च के बीजों के महीन चूर्ण को 50 मिली गुनगुने पानी के साथ दिन में 2-3 बार देने से शराब पीने के कारण जो सन्निपातज ज्वर होता है उसमें लाल मिर्च का सेवन फायदेमंद होता है।
कुत्ते के काटने पर
कुत्ते के काटे हुए स्थान पर मिर्ची को जल में पीसकर लेप करने से दर्द कम होता है।