हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे बहुत ही महत्व दिया गया है। यह पौधा देव तुल्य है क्योंकि तुलसी को देवी लक्ष्मी यानि कि धन की देवी का दर्जा दिया गया है। जाहिर है, अगर आपके जीवन में आर्थिक समस्या चल रही है तो आपको देवी लक्ष्मी स्वरूप तुलसी के पौधे की पूजा करने और तुलसी से जुड़े उपाय करने से लाभ होगा। मगर उससे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि तुलसी से जुड़े प्रमुख नियम वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में क्या बताए गए हैं।
इस बारे में हमारी बात भोपाल के ज्योतिषाचार्य एवं पंडित विनोद सोनी जी से हुई है। वह हमें तुलसी से जुड़े 20 महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स बताए हैं।
1. यदि आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है और आप अपने घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहती हैं, तो घर में तुलसी का पौधा लगाने का सबसे अच्छा समय कार्तिक का महीना होता है। तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है और ऐसा कहा जाता है कि अगर आप कार्तिक माह में तुलसी का पौधा घर लाती हैं, तो लक्ष्मी जी का भी घर में आगमन होता है।
2. शास्त्रों के अनुसार तुलसी का पौधा कार्तिक मास में किसी भी गुरुवार के दिन घर पर लेकर आएं।गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का दिन होता है और श्री विष्णु के स्वरूप भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी अति प्रिय है।
3. वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को हमेशा घर की उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इसी दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है।
4. भूल से भी तुलसी का पौधा घर की दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। यह दिशा पितरों की होती हैं और यदि आप यहां तुलसी का पौधा रखती हैं, तो आपको भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
5. आप घर की बालकनी, खिड़की या छत पर तुलसी का पौधा रख सकती हैं। मगर वास्तु शास्त्र में बताई गई दिशा का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
6. कभी भी घर के प्रवेश द्वारा, आंगन या फिर किसी ऐसे स्थान जहां कबाड़ रखा हो या जूते चप्पल उतारे जाते हों, वहां आपको तुलसी का पौधा नहीं रखना है।
7. हमेशा मिट्टी के गमले में ही तुलसी का पौधा लगाएं। कभी भी प्लास्टिक के गमले का इस्तेमाल न करें। तुलसी के गमले को गेरू से रंगें और हो सके तो इसमें चूने या हल्दी से 'श्रीकृष्ण' लिखें।
8. ईशान कोण में भी आप तुलसी का पौधा रख सकती हैं। यहां पर तुलसी की मौजूदगी आपको सकारात्मक परिणाम देती है।
9. आप नियमित तुलसी की पूजा कर सकती हैं, मगर संध्या के समय तुलसी को छूना वर्जित है। इसके अलावा आपके एकादशी, रविवार, चंद्र और सूर्य ग्रहण के दिन भी तुलसी को हाथ नहीं लगाना चाहए। रविवार के दिन तो तुलसी को जल भी अर्पित नहीं करना चाहिए।
10. तुलसी को को सिंदूर अर्पित करने को लेकर भी काफी भ्रम हैं, ऐसे में वास्तु शास्त्र के मुताबिक तुलसी जी को सिंदूर अर्पित किया जा सकता है। आप तुलसी को पक्का सिंदूर अर्पित कर सकती हैं।
11. तुलसी को जल अर्पित करने के साथ ही कच्चा दूध भी अर्पित किया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि कच्चा दूध अर्पित करने से दुर्भाग्य दूर होता है।
12. तुलसी की यदि आप रोज परिक्रमा करना चाहती हैं, जल चढ़ाते हुए 3 बार तुलसी के पौधे की परिक्रमा करें। आपको पहले सूर्य को जल अर्पित करना है और फिर तुलसी को जल चढ़ाना है।
13. तुलसी को जब जल अर्पित करें तो इस मंत्र 'महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।। ' का उच्चारण जरूर करें।
14. तुलसी की पत्तियां श्री गणेश और महादेव को के अलावा आप हर देवी-देवता को अर्पित कर सकती हैं।
15. तुलसी का पौधा बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, इस ग्रह को भगवान श्रीकृष्ण का ही एक स्वरूप माना जाता है।
16. तुलसी की पत्ती को 15 दिन तक आप भगवान श्रीकृष्ण के पास रख सकते हैं। पत्ती के सूख जाने पर आप उसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण कर सकते हैं।
17. रसोई घर या बाथरूम के पास तुलसी का पौधा कभी भी नहीं रखना चाहिए। आप पूजा के कमरे की खिड़की के पास तुलसी का पौधा रख सकती हैं।
18. अशुद्ध हाथों से आपको कभी भी तुलसी के पौधे में हाथ नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं।
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