दिन में न करें कभी भी शयन- बाएं हाथ से न पीएं पानी
दिन में न करें कभी भी शयन- बाएं हाथ से न पीएं पानी

महर्षि नारद, भगवान ब्रह्मा के 17 मानस पुत्रों में से एक हैं। मान्यता है कि देवर्षि नारद पृथ्वी, आकाश और पाताल सभी लोक में भ्रमण करते हैं ताकि संदेशों और सूचनाओं को देवताओं तक पहुंचाया जा सके। महर्षि नारद, भगवान विष्णु के अनन्य भक्त हैं। महर्षि नारद ने नारद पुराण नामक ग्रंथ की रचना की। इस ग्रंथ में मनुष्य के जीवन से लेकर मत्यु तक हर बिंदु पर चर्चा की गई है। इसमें बताई गई बातों को हमें अपने जीवन में उतार सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
नारद पुराण के अनुसार मनुष्य को कभी भी दिन में शयन नहीं करना चाहिए। जो मनुष्य दिन में शयन करते हैं उन्हें धन प्राप्ति में परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिन में सोने वाला व्यक्ति अक्सर अस्वस्थ रहता है और अल्प आयु प्राप्त करता है। नारद पुराण के अनुसार सिर में तेल लगाते समय अगर हथेलियों पर तेल बच जाए तो उसे शरीर पर मलना नहीं चाहिए। ऐसा करने से धन की हानि होती है। स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह भी कहा गया है कि कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए। न ही सारे कपड़े उतारकर शयन करना चाहिए। कभी भी बाएं हाथ से पानी नहीं पीना चाहिए। यह भी कहा गया है कि किसी भी मनुष्य को अपने दोनों हाथों से कभी भी अपना सिर नहीं खुजलाना चाहिए, इससे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नारद पुराण में कहा गया है कि किसी को भी अपने पैर से दूसरे का पैर दबाकर नहीं बैठना चाहिए और न ही इस तरह सोना चाहिए। ऐसा करने से धन हानि के साथ आयु भी कम हो जाती है।