मृत्युंजय का अर्थ है मृत्यु पर विजय करने वाला। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का सर्वशक्तिशाली और साक्षात प्रभाव देने वाला सिद्ध मंत्र है। अच्छे स्वास्थ्य, असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु भय से रक्षा के लिए महामृत्यंजय मंत्र का जाप किया जाता है अथवा इसका अनुष्ठान कराया जाता है। लेकिन महामृत्युंजय मंत्र का प्रयोग न केवल अकाल मृत्यु से रखा के लिए बल्कि जीवन की और भी बहुत सी बाधाओं से मुक्ति देने में भी इसका जाप चमत्कारिक प्रभाव दिखाता है। जानिए क्या-क्या असर हैं इस मंत्र के।
-यदि कोई व्यक्ति असाध्य रोगों का सामना कर रहा हो और बड़ी बीमारी परेशान कर रही है और इलाज संभव ना हो तो ऐसे व्यक्ति के नाम से संकल्प लेकर योग्य ब्राह्मणों द्वारा सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान कराने से सभी शारीरिक कष्ट मिटते हैं और रोगों से शांति होती है।
-जिन लोगों के साथ बार-बार दुर्घटना या चोट लगती रहती है उन्हें प्रतिदिन महामृत्यंजय मंत्र की एक माला का जाप करना चाहिए।
-अगर आप मानसिक तनाव, घबराहट या अवसाद से गुजर रहे हैं तो महामृत्युंजय मंत्र की रोज एक माला जाप करने से लाभ मिलता है।
-जिन लोगों को डर लगता है, फोबिया है या मन में आशंकित रहता है उन्हें भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
-अगर बच्चा रात में सोते हुए अचानक चौंकता है या डर जाता है तो एक कागज पर लाल पैन से महामृत्युंजय मंत्र लिखें। इसे अपने पूजास्थल पर रखकर महामृत्युंजय मंत्र की एक माला जाप करें। इस कागज को किसी कपड़े में लपेट कर रख दें और सोते समय बच्चे के सिरहाने इसे रख दिया करें। बच्चे की समस्या ठीक हो जाएगी।
-अपने घर के पूजास्थल में एक महामृत्युंजय मंत्र स्थापित करें और रोज महामृत्युंजय मंत्र से इसकी पूजा करें। इससे घर में रोग और व्याधियों से मुक्ति मिलेगी।
-महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से कुंडली में बने कालसर्प योग का नकारात्मक प्रभाव क्षीण हो जाता है।