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Javitri ke Fayde

जावित्री के फायदे , Javitri ke Fayde , Benefits of Mace

जावित्री और जायफल दोनों एक ही मायरिस्टिका फ्रैगरैंस नामक पेड़ पर उगने वाली जड़ीबूटी हैं। फल के सूखे जालीदार हिस्से को जावित्री कहते हैं और फल का सूखा बीज जो गरी कि तरह दिखता है वो जायफल है। जावित्री का वानस्पतिक नाम मायरिस्टिका फ्रैगरैंस और अंग्रेजी नाम मेस (mace) है। ज्यादातर घरों की रसोई में ये आराम से मिल जाएगा। इसे खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए मसाले की तरह इस्तेमाल भी किया जाता है। दिखने में यह मसाला हल्का पीला और नारंगी रंग का होता है। औषधीय गुणों से भरपूर जावित्री का प्रयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
                            
जावित्री के औषधीय गुण
जावित्री में मौजूद कई औषधीय गतिविधियों की वजह है मैक्लिग्नन नामक तत्व। यह जावित्री का मुख्य घटक है और इसमें एंटी-माइक्रोबियल (जीवाणुरोधी), एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले), एंटी-कैंसर और एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। इतना ही नहीं, यह तंत्रिका तंत्र और लिवर को सुरक्षा देने में भी कारगर हो सकता है। बताए गए मैक्लिग्नन के गुणों के अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाया जाता है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और मुक्त कणों को दूर करने में मदद कर सकता है। जावित्री के औषधीय गुण शरीर के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं, यह इस लेख में आगे विस्तार से बताया गया है ।
जावित्री के फायदे – Benefits of Mace in Hindi
लेख के इस भाग में हम वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर जावित्री के फायदे बता रहें हैं। अगर कोई किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, तो जावित्री के नियमित सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूरी है। आइए, जावित्री के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं।
दांतों के लिए गुणकारी
दांतों की देखभाल जरूरी होती है। अगर दांतों और मुंह के स्वास्थ्य का सही तरीके से ख्याल न रखा जाए, तो इसका असर सेहत पर पड़ सकता है। ऐसे में जावित्री का उपयोग काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटंस नामक बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ सकते हैं। यह बैक्टीरिया कई दंत रोगों का कारण माना जाता है।
वहीं, एक शोध के अनुसार, मैक्लिग्नन में एंटी-कैरियोजेनिक (दांतों को क्षति से बचाने वाले) गुण भी पाए जाते हैं, जो दांतों की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं । यह दांतों को कैविटी की समस्या से बचा सकते हैं। इतना ही नहीं, जावित्री में एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं, जिससे मुंह के कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है । (जावित्री के फायदे , Javitri ke Fayde , Benefits of Mace)
किडनी को सुरक्षा दे
जावित्री खाने के फायदे किडनी के लिए भी लाभकारी है। जावित्री किडनी संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। जावित्री में मौजूद मैक्लिग्नन नामक यौगिक किडनी के ऊतकों को क्षति से बचा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह पाया गया है कि सूजन और एपोप्टोसिस (कोशिका मृत्यु) को रोकने में मैक्लिग्नन काम आ सकता है और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट रक्षा प्रणाली को बढ़ा सकता है। जावित्री में मौजूद मैक्लिग्नन के ये गुण किडनी को इस्केमिया-रेपरफ्यूजन इंजरी (एक प्रकार की ऊतक क्षति) से बचा सकते हैं ।
सर्दी-जुकाम में जावित्री के फायदे
मौसम बदलने से सर्दी-जुकाम या बुखार की समस्या सामान्य है। ऐसे में जावित्री एक अच्छा घरेलू उपचार हो सकती है। इसे कई वर्षों से उपयोग भी किया जा रहा है। इसके एंटी-एलर्जी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सर्दी-जुकाम जैसी एलर्जिक समस्याओं से बचाव कर सकते हैं (। इसलिए, कई बार सुना होगा कि छोटे बच्चों को जावित्री या जायफल चटाने की बात कही जाती है। हालांकि, शिशु को किस उम्र में और कितनी मात्रा में जावित्री या जायफल देना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।
मोटापा घटाए
बढ़ता वजन और मोटापा लगभग ज्यादातर लोगों की समस्या बन चुका है। बाहरी और तैलीय खाना, व्यायाम न करना व सही वक्त पर न खाना इसकी अहम वजह है। जैसे ही मोटापा बढ़ता है, तो कई प्रकार की बीमारियां शरीर में घर करने लगती हैं। ऐसे में वक्त रहते इस पर ध्यान देना जरूरी है। चूहों पर की गई एक रिसर्च के अनुसार, मायरिस्टिका फ्रैगरैंस (जावित्री और जायफल) में एंटी ओबेसिटी गुण पाए जाते हैं। इसके इथेनॉल अर्क में टेट्रा हाइड्रो फ्यूरेंस, लिग्नान, सैपोनिन, टैनिन, फ्लेवोनोइड और पॉलीफेनोल जैसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें मोटापा कम करने की संभावना देखी गयी है ।
नींद बढ़ाने में सहायक
कई लोगों को आजकल अनिद्रा की समस्या होती है। काम का दबाव और तनाव के कारण नींद की कमी होना आम बात है। इस स्थिति में लोग नींद की दवा का सेवन करते हैं और उन्हें खुद भी पता नहीं चलता कि कब वो इसके आदी हो गए हैं। ऐसे में घरेलू नुस्खे के तौर पर जावित्री का उपयोग किया जा सकता है। इसका अर्क आरामदायक असर प्रदान कर सकता है, जिसके सेवन से अनिद्रा की परेशानी काफी हद तक ठीक हो सकती है। इसे कई वर्षों से औषधि की तरह उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, इसके पीछे जावित्री का कौन-सा गुण जिम्मेदार है, इसके लिए अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है। (जावित्री के फायदे , Javitri ke Fayde , Benefits of Mace)
पाचन तंत्र के लिए जावित्री के फायदे
व्यस्त दिनचर्या के कारण ज्यादा बाहरी खाना या ठीक वक्त पर न खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं आम हैं। कई लोग पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिए दवाइयों के आदी हो जाते हैं, जो कि सही नहीं है। ऐसे में जावित्री खाने के फायदे लिए जा सकते है। पाचन में जैसे जायफल मदद करता है, वैसे ही जावित्री भी पेट और पाचन के लिए लाभकारी हो सकती है। एक रिसर्च के अनुसार, जायफल और जावित्री दोनों को पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है । हालांकि, जावित्री के इस गुण के पीछे कौन सी क्रिया जिम्मेदार है, इसे लेकर फिलहाल और शोध की आवश्यकता है।
डायबिटिज के लिए जावित्री के लाभ
आजकल डायबिटीज आम बीमारी हो गई है, जो किसी को भी हो सकती है। एक वक्त था, जब कुछ लोगों को ही यह समस्या होती थी और एक उम्र के बाद होती थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है। इस स्थिति में जावित्री के सेवन से डायबिटीज की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। दरअसल, जावित्री में एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं। यह अल्फा-एमिलेस  नामक एंजाइम को नियंत्रित करके ब्लड शुगर में कमी ला सकता है ।
भूख बढ़ाने में मददगार
कई बार बाहर का खाना खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे – एसिडिटी व पेट में संक्रमण हो जाता है, जिस कारण भूख कम हो जाती है। ऐसे में कई बार लोग लगातार दवाइयां लेने के आदी हो जाते हैं, जो ठीक नहीं है। ऐसे में जावित्री के उपयोग से पाचन शक्ति में सुधार हो सकता है और जिससे भूख भी बढ़ सकती है । फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
लिवर के लिए जावित्री के लाभ
कई बार ऐसा होता है कि बाहर खाना मजबूरी हो जाता है। जिस तरह की आजकल की दिनचर्या है, कभी-कभी लोग शौक के लिए भी बाहर खाते हैं। ऐसे में पेट की हालत दिन-ब-दिन खराब होते चली जाती है। तेल-मसाले वाले खाने का सीधा असर लिवर पर पड़ने लगता है और नतीजा लिवर की समस्या शुरू हो जाती है। इस स्थिति में वक्त रहते खाने-पीने पर ध्यान देना जरूरी है। साथ ही अगर जावित्री का उपयोग किया जाए, कुछ हद तक फायदा हो सकता है। इससे प्राप्त मैक्लिग्नन में हेपटोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं।
एंटीइंफ्लेमेटरी है जावित्री
एनसीबीआई में प्रकाशित शोध की मानें तो, सूजन के कारण शरीर कई बीमारियों के चपेट में आ जाता है। जोड़ों में दर्द भी सूजन के कारण ही होता है, ऐसे में जावित्री का सेवन अच्छा विकल्प है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किसी भी तरह के सूजन से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं और शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकते हैं। (जावित्री के फायदे , Javitri ke Fayde , Benefits of Mace)
 त्वचा के लिए जावित्री के लाभ
खूबसूरत और चमकती त्वचा की चाहत लगभग हर किसी को होती है। निखरी त्वचा व्यक्तित्व को और निखारती है, लेकिन आजकल प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा की प्राकृतिक चमक खो रही है। ऐसे में कई बार लोग मेकअप, क्रीम और लोशन से खोई हुई चमक को वापस लाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अफसोस कि इनका असर भी बस कुछ वक्त तक ही रहता है। इस स्थिति में घरेलू उपाय अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। दरअसल, जावित्री में मौजूद मैक्लिग्नन त्वचा को सूरज के हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से बचा सकता है। हालांकि, यह और किस प्रकार त्वचा के लिए लाभकारी हो सकती है, इसे लेकर अभी और शोध की जरूरत है।
अर्थराइटिस में जावित्री के फायदे
उम्र के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर में जगह-जगह दर्द भी होने लगता है। बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होना सामान्य है। ऐसे में इससे बचाव के लिए जावित्री का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, जावित्री में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सूजन की वजह से जोड़ों में होने वाली समस्या, जिसे रुमेटाइड अर्थराइटिस कहते हैं , उससे बचा सकती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया का ही एक प्रकार होता है। (जावित्री के फायदे , Javitri ke Fayde , Benefits of Mace)
हृदय के लिए जावित्री के फायदे
प्लेटलेट्स (रक्त कोशिकाएं), हृदय संबंधी विकारों और स्ट्रोक के जोखिम पैदा करने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। इन रोगों के उपचार और रोकथाम के लिए प्लेटलेट फंक्शन का बाधित होना फायदेमंद साबित हो सकता है। जावित्री में एरिथ्रो एसीटॉक्सी टेट्रामेथोक्सी निओलिग्नान नामक एक तत्व पाया जाता है, जिसमें एंटी प्लेटलेट गतिविधि पाई जाती है। इसका सेवन रक्त में प्लेटलेट्स को एक साथ जमा होने से रोक सकता है, जिससे धमनियों में खून का बहाव बिना बाधा के चलता रहे। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि जावित्री अपने एंटी प्लेटलेट्स प्रभाव के चलते हृदय के लिए स्वास्थ्यकारी हो सकती है।

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