MENU

Brahma Mandir Pushkar History In Hindi

ब्रह्मा जी मंदिर का इतिहास , Brahma Mandir Pushkar History In Hindi

भगवान ब्रम्हाजी को समर्पित मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। यह मंदिर भारत में प्रसिद्ध मंदिरो में से एक माना जाता है। ब्रम्हा को ब्रम्हांड का निर्माता के रूप में सारे जगत के लोक उनको पहचानते है। पूरी दुनिया में और भारत में एक ही ब्रम्हाजी को समर्पित मंदिर जो की राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। इसकारण हर साल इस मंदिर मंदिर में लाखो की संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते रहते है। पुष्कर शहर में ब्रम्हाजी का मंदिर स्थित होने की वजह से यह शहर और स्थान पवित्र माना जाता है।  

आज हम आपको राजस्थान में स्थित ब्रम्हाजी मंदिर पुष्कर का इतिहास , मंदिर से जुडी प्राचीन कथा और मंदिर क्र निर्माण के बारे में बात करेंगे। Brahma Mandir Ki Katha के बारे में बात करेंगे और आप भी ब्रम्हाजी मंदिर पुष्कर राजस्थान के बारे में आप भी जानना चाहते है तो आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढियेगा जरूर। 

ब्रह्मा जी मंदिर का इतिहास , Brahma Mandir Pushkar History In Hindi

बात उस समय की है जब व्रजनाश नामक एक राक्षस पृथ्वी पर अत्याचार कर रहा था, जो काफी असहनीय था। एक दिन ब्रह्मा जी ने क्रोधित होकर उस राक्षस का वध कर दिया। व्रजनाश का वध करते समय ब्रह्मा जी के हाथ से पुष्कर के तीन क्षेत्रों में कमल के पुष्प गिर गए और इन तीनों स्थानों पर झील का निर्माण हो गया। जिन स्थानों पर पुष्प गिरे थे, उन स्थानों को ज्येष्ठ, मध्य और कनिष्क कहा जाता है।
ज्येष्ठ पुष्कर ब्रह्मा जी को, मध्य पुष्कर विष्णु जी को और कनिष्क पुष्कर भोलेनाथ को समर्पित है। इन तीनों स्थानों के देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश को माना जाता है।
सभी देवी-देवताओं के कहने पर ब्रह्मा जी ने व्रजनाश का वध करने के बाद पुष्कर में एक यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें उनकी पत्नी सावित्री का ब्रह्मा जी के साथ बैठना जरूरी था। जब यज्ञ की सभी तैयारी हो गई तो वहां पर ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री उपस्थित नहीं थी। बहुत देर तक उनकी प्रतीक्षा करने के बाद भी वह यज्ञ में उपस्थित ना हो सकी, इसलिए काफी समय तक इंतजार करने के बाद ब्रह्मा जी ने शुभ मुहूर्त में यज्ञ को संपूर्ण कराने के लिए पास में स्थित गुर्जर समुदाय के लोगों में से गायत्री नामक एक कन्या से शादी कर ली और वे दोनों यज्ञ में बैठ गए।
यज्ञ पूर्ण होने रूप से खत्म भी नहीं हुआ था कि ब्रह्मा जी की पहली पत्नी सावित्री यहां आ पहुंची। यज्ञ में ब्रह्मा जी के साथ बैठी दूसरी पत्नी को देखकर देवी सावित्री ने क्रोधित होकर ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि उनकी पूजा कभी भी नहीं होगी। बगल में ब्रह्मा जी की सहायता करने वाले विष्णु जी को भी देवी सावित्री ने श्राप दिया था कि उनको मानव जीवन में पत्नी विरह का दुख भोगना पड़ेगा। यही कारण है कि दशरथ पुत्र श्री राम, जो भगवान विष्णु के अवतार थे, को मानव रूप में 14 वर्षों के वनवास के दौरान सीता हरण के समय और वापस अयोध्या लौटने के कुछ दिन बाद उन्हें अपनी पत्नी से अलग रहना पड़ता है।
देवी सावित्री का क्रोध शांत होने पर सभी देवताओं ने विनती की कि ब्रह्मा जी को दिए गए श्राप से मुक्त कर दें, लेकिन देवी सावित्री ने ब्रह्मा जी को श्राप मुक्त करने से साफ-साफ इनकार कर दिया, लेकिन ब्रह्मा जी को दिए गए श्राप को कम करने के लिए देवी सावित्री ने कहा कि पूरे पृथ्वी पर सिर्फ पुष्कर में ही ब्रह्मा जी की पूजा होगी। यही कारण है कि पूरे पृथ्वी पर ब्रह्मा जी का एक मात्र मंदिर सिर्फ पुष्कर में ही है, जो राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है।

ब्रह्मा जी मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय 
पुष्कर जाने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद सितंबर से मार्च तक का होता है। दोस्तों आपको पता ही होगा कि राजस्थान में गर्मी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए राजस्थान को गर्मी के मौसम में विजिट करने पर राजस्थान के तापमान को लेकर आपको थोड़ी बहुत तकलीफ हो सकती है।

ब्रह्मा जी के मंदिर में मेले का आयोजन –
पुष्कर में हर साल दो पर्वों में विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें से एक होली और दूसरा कार्तिक पूर्णिमा है। अगर आप पुष्कर में आना चाहते हैं, तो आप इन दोनों इन पर्वों के अलावा कभी भी आ सकते हैं, जब आप खासकर अपने फैमिली के साथ पुष्कर जाने का प्लान कर रहे हों, क्योंकि इन दोनों पर्वों में पुष्कर शहर में इतनी भीड़ होती है कि पैर रखने की जगह भी नहीं मिलती है।

ब्रह्मा जी मंदिर राजस्थान कैसे पहुंचे –
राजस्थान में स्थित ब्रम्हा मंदिर पुष्कर के गनेहरा में रोड पर स्थित है। इस कारण आप मंदिर जाने के लिए टैक्सी या कैब के इस्तेमाल से आप मंदिर तक पहुँच सकते है। मंदिर तक पहुँच ने के लिए स्थानीय बसे भी उपलब्ध है परन्तु इन बसों में ज्यादातर अधिक भीड़ होती है। और मंदिर  दर्शन  योजना बनाई है तो आप इस पुष्कर के ब्रम्हाजी मंदिर जाने के लिए आप तीन विकल्पों का चुनाव कर सकते है इसमें हवाई मार्ग ,ट्रेन मार्ग और सड़क मार्ग से आप ब्रम्हाजी मंदिर तक पहुँच सकते है। 
हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे :
अगर आप brahma temple pushkar की यात्रा के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया।
तो आपको बता दे की पुष्कर में कोई स्थानीय हवाई अड्डा नहीं है।
लेकिन पुष्कर के नजदीकी हवाई अड्डा सांगानेर हवाई अड्डा है।
जो पुष्कर के करीबन 150 कि.मी की दुरी पर स्थित है।
यह हवाई अड्डा भारत और विदेश के कई हवाई माथको से अच्छी तरह से जुड़ा हुवा है।
आप इस हवाई अड्डे से स्थानीय बसों ,टैक्सी या कैब के इस्तेमाल से ब्रम्हाजी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। 
 ट्रेन से कैसे पहुंचे :
अगर आपने brahma temple pushkar जाने के लिए ट्रेन मार्ग का चुनाव किया है तो आपको बता दे की राजस्थान का अजमेर रेल्वे स्टेशन पुष्कर का सबसे नजदीकी रेल्वे जंक्शन है और इसकी दुरी करीबन पुष्कर से 14 कि.मी है। यह रेल्वे स्टेशन बड़े शहरो से बहोत अच्छी तरह से जुड़ा हुवा है। और वहा से आप पर्सनल और टैक्सी या कैब के इस्तेमाल से ब्रम्हाजी मंदिर तक पहुँच सकते है।
बस से कैसे पहुंचे :
  • आपने अगर ब्रम्हाजी मंदिर जाने के लिए बस का चुनाव किया है।
  • आपको बता दे की अजमेर का बस स्टेंड देश के मुख्य शहरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुवा है।
  • अजमेर से पुष्कर की दुरी पर करीबन 16 कि.मी की दुरी पर स्थित है।
  • वहा से आप आसानी से पुष्कर शहर तक पहुँच सकते है।
ज़रूर पढ़ें : -

Comment(S)

Show all Coment

Leave a Comment

Post Your Blog

Category

Tag Clouds

Recent Post

About NEET National Eligibility cum Entrance Test
09-Mar-2024 by Jay Kumar
aadhaar card rules for children
24-Nov-2022 by Jay Kumar
Digital Transformation
28-Oct-2022 by Jay Kumar
The Great Kabab Factory Express Patna
11-Oct-2022 by Rajeev Katiyar
Desi Cow Ghee Benefits
29-Sep-2022 by Jay Kumar
Bitcoin Investment
26-Sep-2022 by Rajeev Katiyar
Educate About Equality
25-Sep-2022 by Rajeev Katiyar
Ravan Ke Purvjnmo Ki Kahani
25-Aug-2022 by Jay Kumar
Hindi Story of Amarnath Dham
25-Aug-2022 by Jay Kumar
Ek Nanhi Si Khushi
25-Aug-2022 by Jay Kumar

Latest News

Our Sponsors

×