MENU

Sheetla Mata Mandir Gurgaon

शीतला माता मंदिर गुड़गांव  , Sheetla Mata Mandir Gurgaon

शीतलामाता मंदिर का उदय प्राचीन शीतला माता मंदिर से हुआ है। यहां काफी पहले शीतला माता की पत्थरनुमा तस्वीर निकली थी। प्राचीन मंदिर अरावली की पहाड़ियों के बीच होने के कारण वहां तक पहुंचने में कठिनाइयां आती थीं। इसे देखते हुए श्रद्धालुओं ने शीतला माता की आधी तस्वीर को वहां से हटाकर शीतला माता गुड़गांव गांव में स्थापित कर दिया। जहां पर हर वर्ष आषाढ़, चैत्र में एक महीने में दो बार मेले लगते हैं जबकि वर्ष में दो बार ही नवरात्र के दौरान भी मेलों का आयोजन किया जाता है। जहां पूरे वर्ष में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु माता दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
शीतला मंदिर की कहानी

हरियाणा राज्य के गुड़गांव में स्थित माता शीतला का मंदिर(Sheetla mata mandir gurgaon) हिन्दुओ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है तथा यहाँ वर्ष में दो बार एक- एक माह का मेला लगता है. विशेषतः माता के नवरात्रियों के अवसर पर इस मदिर में भक्तो का मेला सा लग जाता है, काफी अधिक संख्या में भक्त माता शीतला(Sheetla mata mandir gurgaon) के दर्शन के लिए यहाँ आते है. देश के अनेको राज्यों से आये श्रृद्धालु माता शीतला के समक्ष अपनी मन्नते रखते है. विश्व भर में प्रसिद्ध माता शीतला का यह 500 साल प्राचीन मंदिर दुनिया भर के भक्तो का आस्था का केंद्र है.
माता शीतला के इस मंदिर(Sheetla mata mandir gurgaon) के बारे में लोगो की मान्यता है की इसका सम्बन्ध महाभारत काल से है. कहा जाता है की यही पर आचार्य दोणाचार्य कौरवों और पांडवो को अस्त्र और शस्त्र का प्रशिक्षण देते थे. महर्षि शरद्वान की पुत्री तथा कृपाचार्य की बहन कृपी के साथ गुरु दोणाचार्य का विवाह हुआ था. जब गुरु दोणाचार्य महाभारत के युद्ध में द्रोपद पुत्र धृष्ट्द्युम्न के हाथो वीरगति को प्राप्त हुए थे तो उनकी पत्नी कृपी सोलह श्रृंगार कर गुरु दोणाचार्य के साथ उनकी चिता में बैठी. लोगो ने उन्हें रोकने का प्रयत्न किया परन्तु अपने पती के चिता में सती होने का दृढ निर्णय ले चुकी कृपी ने लोग की बात नहीं मानी. सती होने से पूर्व उन्होंने लोगो को आशीर्वाद देते हुए कहा की मेरे इस सती स्थल पर जो भी व्यक्ति अपनी मनोकामनाए लेकर पहुंचेगा वे अवश्य पूरी होगी.
भरतपुर नाम के एक राजा ने 1650 सन में गुड़गांव में जहाँ पर माता कृपी सती हुइ थी, एक बहुत ही भव्य मंदिर बनवाया तथा उस मंदिर में सवा किलो सोने से निर्मित माता कृपी की मूर्ति स्थापित करी. माता कृपी का शीतला माता नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर(Sheetla mata mandir gurgaon) लोगो की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है तथा दुनिया भर से लाखो भक्त अपनी इच्छाएं लिए इस मंदिर में माता के दर्शन को आते है. यहाँ वेसाख और आसाढ़ के पुरे महीने तथा आश्र्विन के नवरात्रियों में बहुत ही विशाल मेले का आयोजन किया जाता है.
माना जाता है की मंदिर(Sheetla mata mandir gurgaon) में माता शीतला की पूजा करने से व्यक्ति को कभी चेचक का रोग जिसे स्थानीय भाषा में माता आना भी कहते है नहीं होता . इसके साथ ही यहाँ लोग अपने बच्चे का प्रथम मुंडन भी करवाते है. यह मंदिर शहर के बीचो-बीच स्थित है अतः माता शीतला के दर्शन को आने वाले यात्रियों को ज्यादा परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ता इसके आल्वा यहाँ प्रशासन द्वारा भी बाहर राज्यों से आने वाले यत्रियों के सुरक्षा और खानपान की व्यवस्था की जाती है तथा उनके सुख-सुविधा का ध्यान रखा जाता है.
गुड़गांव में है शीतला माता का प्रसिद्ध मंदिर
गुड़गांव का नाम आते ही सबसे पहले हमारे जहन में एक बड़ी बड़ी चमकदार ईमारतों वाले शहर की तस्वीर उभरती है। गुड़गांव नाम सुनते ही साइबर सिटी भी हमारे दिमाग में आ जाता है। लेकिन जब हरियाणा, उत्तर प्रदेश विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान के गांव में आप जब भी गुड़गांव का जिक्र करेंगें अनायास ही लोगों के जहन में गुड़गावां वाली माता आती है। आइये आपको बताते हैं हरियाणा के गुड़गांव स्थित माता शीतला मंदिर के बारे में।

शीतला मंदिर का महत्व
गुड़गांव स्थित शीतला मंदिर में वैसे तो देश भर के श्रद्धालु आते हैं लेकिन ज्यादा संख्या हरियाणा उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के श्रद्धालुओं की होती है। नवरात्र के दिनों में शीतला माता के मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। साल में दो बार चैत्र नवरात्र और आश्विन नवरात्र के समय शीतला माता के इस मंदिर का नजारा अद्भुत होता है। दोनों नवरात्रों में एक महीने तक मेला लगता है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है, इस दौरान लगभग 50 लाख श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं। माता भी इस समय भक्तों का इम्तिहान लेती हैं जिन्हें मां के दर्शन के लिये घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है, इसके बाद माता के दर्शन कर भक्त अपने को धन्य समझते हैं। शीतला मां के इस मंदिर की खासियत यह भी है कि श्रद्धालु, नवजात बच्चों का प्रथम मुंडन संस्कार यहीं पर करवाना शुभ मानते हैं। मंदिर प्रशासन को भी मुंडन के ठेके से लाखों की आमदनी होती है जिसे मंदिर के विकास व आयोजनों में खर्च किया जाता है।

शीतला मां की मान्यता
शीतला माता सनातन (हिंदू) धर्म में आस्था रखने वालों की एक प्रसिद्ध देवी हैं। इन्हें संक्रामक रोगों से बचाने वाली देवी कहा जाता है। स्कंद पुराण में इनका जिस प्रकार से वर्णन किया गया है उसके अनुसार इन्हें स्वच्छता की देवी भी कहा जा सकता है। देहात के इलाकों में तो स्मालपोक्स (चेचक) को माता, मसानी, शीतला माता आदि नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि शीतला माता के कोप से ही यह रोग पनपता है इसलिये इस रोग से मुक्ति के लिये आटा, चावल, नारियल, गुड़, घी इत्यादि सीद्धा माता के नाम पर रोगी श्रद्धालुओं से रखवाया जाता है। पौराणिक ग्रंथों में प्राचीन काल से ही शीतला माता का माहात्मय बहुत अधिक माना गया है। स्कंद पुराण के अनुसार इनका वाहन गर्दभ बताया गया है। ये अपने हाथों में कलश, सूप, झाड़ू एवं नीम के पत्ते धारण करती हैं। इन सब का चेचक जैसे रोग से सीधा संबंध भी है एक और कलश का जल शीतलता देता है तो सूप से रोगी को हवा की जाती है, झाड़ू से जो छोटे छोटे फोड़े निकलते हैं वो फट जाते हैं नीम के पत्ते उन फोड़ों में सड़न नहीं होने देते। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि माता शीतला की कृपा से रोगी के रोग नष्ट हो जाते हैं।
कैसे पहुंचे
आपको बता दें इंदिरा गांधी नेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली एयरपोर्ट से शीतला माता के मंदिर की दूरी करीब 16.8 किलोमीटर है, मंदिर पहुंचने के लिए आपको सीधे कैब मिल जाएगी।

ज़रूर पढ़ें : -

Comment(S)

Show all Coment

Leave a Comment

Post Your Blog

Category

Tag Clouds

Recent Post

About NEET National Eligibility cum Entrance Test
09-Mar-2024 by Jay Kumar
aadhaar card rules for children
24-Nov-2022 by Jay Kumar
Digital Transformation
28-Oct-2022 by Jay Kumar
The Great Kabab Factory Express Patna
11-Oct-2022 by Rajeev Katiyar
Desi Cow Ghee Benefits
29-Sep-2022 by Jay Kumar
Bitcoin Investment
26-Sep-2022 by Rajeev Katiyar
Educate About Equality
25-Sep-2022 by Rajeev Katiyar
Ravan Ke Purvjnmo Ki Kahani
25-Aug-2022 by Jay Kumar
Hindi Story of Amarnath Dham
25-Aug-2022 by Jay Kumar
Ek Nanhi Si Khushi
25-Aug-2022 by Jay Kumar

Latest News

Our Sponsors

×