चेचक छोटे बच्चों या वयस्क दोनों को हो सकता है। बराबर ऐसा देखने को मिलता है कि जब भी किसी को चेचक होता है तो रोगी बहुत घबरा जाता है। अनेक तरह के उपाय करता है। झाड़-फूंक आदि भी कराने लगता है। यहां चेचक का इलाज करने के लिए अनेक घरेलू उपाय बताए जा रहे हैं। इनसे आप चेचक को ना सिर्फ शुरुआत में ही रोक सकते हैं, बल्कि असरदार तरीके से चेचक का उपचार कर सकते हैं।
चेचक क्या है? What is Chickenpox
चेचक (chicken pox in hindi) दो प्रकार का होता है, जिसे छोटी चेचक (छोटी माता) और बड़ी चेचक (बड़ी माता) बोला जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है। चेचक के कारण शरीर में दाने से उभर आते हैं। इन दानों में दर्द होता है, खुजली भी होती है। इस बीमारी के कारण रोगी को कमजोरी तो आती ही है, साथ ही बुखार भी होता है। अनेक लोग चेचक होने पर बहुत व्याकुल हो जाते हैं, और चेचक का इलाज करने पर तुरंत ध्यान नहीं दे पाते हैं।
यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक रोगी से दूसरे व्यक्ति को हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि जब भी चेचक जैसी बीमारी हो तो समय पर ध्यान दें और तुरंत चेचक का घरेलू इलाज कर बीमारी पर नियंत्रण पाएं। आइए जानते हैं कि आप चेचक का उपचार करने के लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय कर सकते हैं।
चेचक क्यों होता है?
चेचक एक विषाणु से होने वाली बीमारी है। इस रोग के विषाणु त्वचा की छोटी रक्त वाहिकाएं, मुंह और गले में असर दिखाते हैं। यह केवल मनुष्यों में होता है। इसके लिए दो तरह के विषाणु उत्तरदायी माने जाते हैंः-
• वायरोला मेजर
• वायरोला माइनर
• इनमें से ‘वायरोला माइनर’ विषाणु कम खतरनाक होता है। इसके कारण बहुत कम मृत्यु होती है। यह रोग अत्यंत संक्रामक है, और बहुत जल्दी फैलता है। इसके टीके के आविष्कार से पहले यह रोग महामारी की तरह फैलता था, और इससे बहुत अधिक लोगों की मृत्यु होती थी।
• अगर मेजर ‘वायरोला मेजर’ की बात की जाय, तो इसके विषाणु माइनर की तुलना में ज्यादा खतरनाक या मारक होते हैं। इसके कारण मृत्यु होने की अधिक संभावना होती है। इसके होने से चेहरे पर दाग, अंधेपन जैसी समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए समय पर चेचक की पहचान कर इलाज कराना जरूरी होता है। आयुर्वेद में इसके लिए कई घरेलू उपाय (Home remedies for Chickenpox) बताए हैं।
चेचक के घरेलू इलाज , Chechak Ka Gharelu ilaaj , Home Remedies for Chickenpox
चेचक के लक्षण (Symptoms of Chickenpox and Smallpox)
चेचक के निम्न लक्षण हो सकते हैंः-
- बहुत तेज बुखार रहता है।
- धीरे-धीरे शरीर पर लाल दाने दिखने लगते हैं, 4-5 दिनों के अन्दर ये दाने पक जाते हैं। इनमें बहुत खुजली होती है।
- बार-बार गला सूखता है।
- पूरे शरीर में दर्द तथा ऐंठन रहती है।
- मितली आती है, या बार-बार उल्टी करने का मन करता है।
- सिर दर्द की शिकायत रहती है।
- पीठ में भी दर्द रहता है।
- गले में सूजन, खांसी हो सकती है।
- गला बैठ जाना
- नाक बहना।
- त्वचा पर पित्ती के समान चकत्ते निकल जाते हैं।
- तीसरे या चौथे और कभी-कभी दूसरे दिन ही चेचक में विशेष चकत्ते दिखाई देते हैं।
- मुंह, गले में तथा आवाज निकलने वाली नली तक छोटी-छोटी स्फोटिकाएं बन जाती हैं, जो आगे चलकर घाव में बदल जाते हैं।
- छोटे-छोटे लाल रंग के धब्बे होते हैं, जो पहले ललाट और कलाई पर आते हैं।
- इसके बाद क्रमशः हाथ, धड़, पीठ और अंत में टांगों पर निकलते हैं। ललाट, चेहरे हाथों के आगे वाले भाग और हाथों की त्वचा पर अधिक होती है।
- हाथ, छाती तथा कुहनी के सामने के भागों पर यह नहीं निकलते।
- कक्ष में तो बिल्कुल नहीं निकलते।
- इन धब्बों में समय के साथ कुछ परिवर्तन होते है। कुछ घंटों बाद इन धब्बों से पिटिकाएं बन जाते हैं, जो छोटे-छोटे अंकुरों के समान होते हैं। पहले 2-3 दिन ये पिटिकाएं निकलती हैं, उसके बाद ये स्फोटिका में परिवर्तित होने लगते हैं, और लगभग 24 घंटे के अन्दर ये स्फोटिकाएं बन जाती हैं।
- यह स्फोटिकाएं उभरे हुए दाने के समान होती हैं, जिनमें द्रव्य भरा होता है।
- दो-तीन दिन में यह द्रव्य पस या मवाद से भर जाता है, और फुन्सी-सा (Pustule) बन जाता है।
- दानों के चारों ओर त्वचा में सूजन से युक्त लाल घेरा सा बन जाता है।
- शुरुआत के दो-तीन दिनों में बुखार चढ़ कर उतर जाता है, और वह फिर से बढ़ जाता है।
- अगले आठ या नौ दिनों में ये दाने सूखने लगते हैं, और वहाँ पर गहरे भूरे अथवा काले रंग के खुरंड बन जाते हैं।
- त्वचा से पूरी तरह से अलग होने में दस से बारह, या कभी-कभी इससे अधिक दिन भी ले लेते हैं।
- पिटिका और स्फोटिका बनने की दशा में रोगी की अवस्था ज्यादा कष्टदायक नहीं होती, लेकिन जब दानों में पस या मवाद भर जाता है, तब रोगी की तबीयत अधिक खराब हो जाती है।
- रोगी को बुखार आता है तो बुखार बढ़ जाता है, और रोगी की हालत बिगड़ने लगती है।
चेचक का घरेलू उपचार - Chechak Ka Gharelu Upchar in Hindi
चेचक के दानों में होने वाली खुजली और निशान से राहत पाने के कुछ घरेलु उपचार इस प्रकार हैं (चेचक के घरेलू इलाज , Chechak Ka Gharelu ilaaj , Home Remedies for Chickenpox)
जई का आटा
चेचक होने पर बॉडी में बहुत तेज खुजली होती है. खुजली से बचने के लिए जई के आटे को पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए. इसे इस्तेमाल करने के लिए 2 लीटर पानी में 2 कप जई का आटा मिलाकर लगभग 15 मिनट तक उबालें, फिर पके आटे को एक कॉटन के बैग में अच्छी तरह से बांधकर बॉथ टब में डालकर बच्चे को नहलाएं. आधा कप भूरे सिरके को भी पानी में डालकर नहाने से शरीर में हो रही खुजली से निजात पायी जा सकती है.
हर्बल चाय
आप कैमोमाइल, तुलसी, मैरीगोल्ड और लेमन बाम जैसी औषधिय जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल चाय का सेवन भी कर सकते हैं. इनमे से किसी भी एक जड़ी-बूटी की 1 चमच मात्रा को एक कप उबलते पानी में मिलाएं. इसे कुछ मिनट के लिए खौलने दें और फिर छान लें. इसमें थोड़ी सी दालचीनी, शहद और नींबू का रस मिलाएं और इसके बाद चाय का आनंद ले. इसके बेहतर परिणाम के लिए हर्बल चाय दिन में 2-3 बार ज़रूर पिएं.
लैवेंडर तेल
चिकन पॉक्स के पड़ने वाले दागों से छुटकारा दिलाने में लैवेंडर का तेल बहुत असरदार होता है. लैवेंडर के तेल को बादाम के तेल या नारियल तेल के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्सों पर लगाएं. इस नुस्खे को दिन में दो बार दोहरायें, जिससे की आपको बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके. वैकल्पिक रूप से, लैवेंडर और कैमोमाइल ऑयल की कुछ ड्रॉप्स गर्म पानी में डालें और इस पानी में लगभग 10 मिनट तक नहाएं.
नीम के पत्तों से
नीम को मार्गोसा के नाम से भी जाना जाता है. यह चेचक के इलाज के लिए उपयोग की जाती है क्योंकि इसमें एंटीवायरल गुण होते हैं. एक मुठी नीम की पत्तियां पीस कर उसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं. नहाने के पानी में नीम की पत्तियों का उपयोग भी प्रभावकारी होता है. भारतीय बकाइन भी चिकन पॉक्स के ट्रीटमेंट में प्रभावी है.
गाजर और धनिया का सूप
गाजर और धनिया से बना सूप चिकन पॉक्स के उपचार में बेहद फायदेमंद है. यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से संपन्न है जो चिकित्सा प्रक्रिया में सहायता करते हैं. 100 ग्राम गाजर और 60 ग्राम या आधा कप धनिया काट लीजिये. दो या एक चौथाई कप पानी में उबालिये और तब तक उबालिये जब तक आधा पानी वाष्पित न हो जाये. लगभग एक महीने तक इस सूप को दिन में एक बार पियें. आप ताकत बढ़ाने के लिए उबली गाजर और धनिया की पत्तियों का सेवन भी कर सकते हैं. (चेचक के घरेलू इलाज , Chechak Ka Gharelu ilaaj , Home Remedies for Chickenpox)
दलिया का स्नान
चेचक होने पर खुजली के लिए दलिया का स्नान एक सफल घरेलू उपचार है. दो कप दलिया को पाउडर के रूप में पीस लें. दलिया के पाउडर को दो लीटर गुनगुने पानी में डालें. 15 से 20 मिनट के लिए दलिया पाउडर को नहाने के पानी में भीगने दें. अब इस पानी से स्नान करें.
ब्राउन सिरके
चिकन पॉक्स के उपचार के लिए ब्राउन सिरका सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है. यह त्वचा की जलन और चिकन पॉक्स के दानों को ठीक करने में मदद करता है. साथ ही दानों के दाग पड़ने से भी बचाव करता है. आधा कप ब्राउन सिरका गुनगुने पानी में मिलायें और लगभग 10 से 15 मिनट तक इस पानी से स्नान करें.
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा चिकन पॉक्स की खुजली और जलन को प्रबंधित करने में मदद करता है. एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलायें. इस मिश्रण को रुई या साफ़ मुलायम कपड़े की सहायता से बॉडी के प्रभावित हिस्सों पर लगाएं और सूखने दें. वैकल्पिक रूप से, अपने नहाने के पानी में आधा या एक कप बेकिंग सोडा मिलाएं और उससे स्नान करें.
शहद
शहद, चिकन पॉक्स में होने वाली खुजली से राहत प्रदान करता है और चिकन पॉक्स के दानों को भी ठीक करने में मदद करता है. अच्छी गुणवत्ता वाला शुद्ध शहद लें और इसे प्रभावित क्षेत्र पर इस्तेमाल करें. इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार दोहरायें जब तक निशान न चले जायें.
अन्य तरीके
- हरी मटर को पानी में पकाइए, इसके पानी को शरीर में लगाइए, इससे चिकन पाक्स के लाल चकत्ते समाप्त होते हैं.
- शरीर में खुजली होने पर शरीर में लगाने वाला कोई भी पावडर लगाइए. अपने नाखून से चकत्तों को हटाने की कोशिश मत कीजिए, इससे यह फैलता है.
- लाल चकत्तों पर शहद लगाइए. शहद लगाने से चकत्ते समाप्त होते हैं. शहद लाल चकत्तों को हटाने का सबसे कारगर घरेलू नुस्खा है.
- चिकन पाक्स के समय खान-पान का उचित ध्यान रखें. मसालेदार और ऑयली खाना खाने से बचें.
- चिकनपॉक्स होने पर विटामिन ई का तेल लगायें. इससे जल्द आराम मिलता है.
- बाथ टब में ठंडा पानी लें और उसमें अदरक डालकर तीस मिनट तक छोड़ दें. उसके बाद इस पानी में बैठ जाएं. इससे चिकनपॉक्स की खुजली में आराम मिलता है.
- चिकनपॉक्स के किसी मरीज को कभी एस्प्रिन नहीं देनी चाहिए. इससे उसकी हालत खराब हो सकती है. और चिकनपॉक्स में बुखार होने पर बिना डॉक्टरी सलाह के कोई दवा न दें. चिकन पाक्स होने पर बाहर और भीड वाली जगह पर जाने से परहेज करें. हो सके तो इस दौरान लोगों से दूर रहें.