यूं तो हम सभी चिरौंजी या चारोली को एक सूखे मेवे के तौर पर देखते और इस्तेमाल में लाते हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि छोटे-छोटे दिखने वाले चिरौंजी दाना के फायदे भी कई हैं। यही वजह है कि इसे सेहत और स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी माना गया है।
इसके बावजूद बहुत से लोग ऐसे भी होंगे, जिन्हें किन समस्याओं में चिरौंजी के फायदे हासिल किए जा सकते हैं, यह न मालूम हो। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम विस्तृत चिरौंजी खाने के फायदे और चिरौंजी के नुकसान बताने जा रहे हैं। उससे पहले आपको यह समझना होगा कि कोई भी घरेलू उपाय केवल समस्या में राहत पहुंचा सकता है। पूर्ण इलाज डॉक्टरी सलाह पर ही निर्भर करता है।
चिरौंजी क्या है –
चिरौंजी का वैज्ञानिक नाम बुकाननिया लानजान है। इसका पेड़ एनाकार्डिएसी परिवार से संबंधित है, जो भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है। यह एक ऐसा पेड़ है, जिसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद में इसकी जड़, पत्ती, फल, बीज और गोंद से कई बीमारियों का उपचार किया जाता है। हम आमतौर पर जिसे चिरौंजी के नाम से पुकारते हैं, वह इस पेड़ के फल का बीज का अंदरूनी हिस्सा होता है, जिसे इसके बीज को तोड़कर निकाला जाता है।
चिरौंजी के फायदे –
यहां हम सेहत और स्वास्थ्य से जुड़े चिरौंजी खाने के फायदे विस्तार से बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप चिरौंजी बेनिफिट्स को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।
सिरदर्द दूर करने में
सिरदर्द से परेशान होने पर पेनकिलर खाने की बजाय घरेलू उपायों को अपनाना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है. आयुर्वेद के अनुसार, चिरौंजी की गिरी के साथ, बादाम गिरी, खजूर, ककड़ी बीज और तिल को मिलाकर पीस लें. इस मिश्रण को दूध या पानी के साथ 5 ग्राम की मात्रा में लें. इससे सिरदर्द ठीक हो जाता है.
सर्दी-खांसी से आराम दिलाता है
अगर आप सर्दी से परेशान हैं तो नियमित तौर पर सीमित मात्रा में चिरौंजी खाना शुरू कर दें. इसके सेवन से सर्दी दूर होती है.
इसी तरह खांसी से आराम पाने के लिए चिरौंजी की 5-10 ग्राम गिरी को घी में भूनकर पीस लें. इसके बाद इसे 200 मिली दूध में मिलाकर उबाल लें। उबालने के बाद इसमें 500 मिग्रा इलायची पाउडर और चीनी मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम और खांसी से आराम मिलता है।
गठिया के दर्द और सूजन से आराम दिलाता है
तिल, चिरौंजी, मुलेठी, कमलनाल और बेंत-मूल इन सब को आवश्यकतानुसार लेकर बकरी के दूध में पीसकर लेप बना लें. अब इस लेप को जोड़ों पर लगाएं, इससे दर्द और सूजन से जल्दी आराम मिलता है.
घाव को ठीक करता है
त्वचा में कहीं पर घाव हो जाए तो चिरौंजी के उपयोग से आप उसे ठीक कर सकते हैं. इसके लिए मंजीठ, हल्दी, भार्गी, हरीतकी, नीला थोथा, तालीसपत्र, प्रियाल आदि को पीसकर तेल में पका लें. तेल में पकाने के बाद इसे छानकर घाव पर लगाएं. इससे घाव जल्दी ठीक होता है.
खुजली दूर करता है
खुजली दूर करने के चिरौंजी को निम्न तरीकों से उपयोग कर सकते हैं.
चिरौंजी की गिरी को गुलाब जल में पीसकर उसमें सुहागा मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाएं. इससे खुजली जल्दी दूर होती है.
प्रियाल गिरी और काले तिल को 10-10 ग्राम लेकर 250 मिली गाय के दूध में पीकर छान लें. अब इसमें मिश्री मिलाकर सुबह शाम पीने से साथ ही चिरौंजी और तिल को को दूध में पीसकर प्रभावित हिस्से में लगाने से खुजली और जलन से राहत मिलती है.
पेचिश के इलाज में उपयोगी
दस्त के साथ खून आने की समस्या को अनदेखा ना करें बल्कि जितनी जल्दी हो सके
1. यदि अतिसार के साथ खून आ रहा हो तो चिरौंजी की छाल को बकरी के दूध से पीसकर मधु मिला कर पीने से लाभ होता है।
2. 1-4 ग्राम चिरौंजी मूल एवं पत्र को पीसकर उसमें मक्खन मिलाकर सेवन करने से अतिसार का शमन होता है।
3. 1-4 ग्राम चिरौंजी मूल चूर्ण को खाने से अतिसार बंद हो जाते हैं।
यौन क्षमता बढ़ाता है
विशेषज्ञों का मानना है कि जिन लोगों की यौन क्षमता कमजोर है उसके लिए चिरौंजी काफी उपयोगी है. 5-10 ग्राम चिरौंजी के बीजों को पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर दूध के साथ खाएं. इसके नियमित सेवन से वीर्य को पोषण मिलता है और यौन क्षमता बढ़ती है।
शरीर की ताकत बढ़ाता है
अगर आप शारीरिक रुप से कमजोर हैं या थोड़ी सी मेहनत करने के बाद थक जाते हैं तो चिरौंजी का सेवन आपके लिए फायदेमंद है. ताज़ी चिरौंजी खाने से या दूध में चिरौंजी की खीर बनाकर खाने से शरीर को ताकत और पोषण मिलता है.
बच्चों को पोषण प्रदान करता है
स्तनपान छुड़ा देने पर शिशु को चिरौंजी की मींगी, मुलेठी, मधु, धान का लावा तथा मिश्री से बनाए गए लड्डू (मोदक) खिलाने से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है।
मुंहासे हटाने में मदद करता है
अगर आप बार बार मुंहासे निकलने से परेशान हैं और कोई उपाय नहीं सूझ रहा है तो एक बार चिरौंजी का उपयोग करके देखें. विशेषज्ञों का मानना है कि चिरौंजी को गुलाब जल में पीसकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे जल्दी ठीक होते हैं.
रक्तपित्त को ठीक करता है
गर्मियों के मौसम में कई लोग नाक, कान से खून निकलने की समस्या से परेशान रहते हैं. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो चिरौंजी से पकाए दूध का सेवन करें. इसके सेवन से नाक कान से खून बहने (रक्तपित्त) की समस्या ठीक हो जाती है.