हम भारतीयों के घरों में कई तरह के मसाले होते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि हम इन मसालों को अपने खाने में इस्तेमाल भी करते हैं, लेकिन उनके कई गुणों के बारे में हमें पता ही नहीं होता. ऐसा ही एक मसाला है जायफल. जायफल को अंग्रेजी में Nutmeg कहा जाता है. जायफल का इस्तेमाल लगभग सभी घरों में होता है. जायफल भारत में दक्षिणी राज्यों और इंडोनेशिया जैसे देशों में पाया जाता है.
यह एशियाई मसाला है, इसलिए दुनिया के अन्य हिस्सो में नहीं मिलता. इसमें अच्छी सुगंध होती है और स्वाद भी मीठा होता है. जायफल और जावित्री भले ही एक ही पेड़ से प्राप्त होते हों, लेकिन दोनों में काफी अंतर है. दरअसल जायफल एक बीज है और इसके ऊपरी छिलके को जावित्री के नाम से जाना जाता है.
जायफल में विटामिन, मिनरल और अन्य कार्बनिक यौगिकों की उपलब्धता के कारण, यह विभिन्न तरीकों से मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. इन फायदेमंद घटकों में विटामिन बी 6, फोलेट, मैग्नीशियम, फाइबर, मैंगनीज, कॉपर, थियामिन और मैक्लिग्नान जैसे फायदेमंद घटक जायफल में मिलते हैं. जायफल के कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं. अब उन लाभों के बारे में बात करते हैं.
जायफल के फायदे (Benefits of Nutmeg)
जायफल का इस्तेमाल मिठाई आदि में स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है। जायफल खाने में तो स्वादिष्ट होता ही है, लेकिन अपने औषधीय गुणों के कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है। चलिए आपको बताते हैं जायफल के फायदे।
बाल रोग में उपयोगी
जायफल और मायाफल के बराबर-बराबर चूर्ण को धीमी आग पर भून लें। इसमें बारह भाग मिश्री मिला लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह दूध के साथ बच्चों को सेवन कराएं। इससे बच्चों के बल की वृद्धि होती है। बच्चों के रोगों ठीक होते हैं।
चेहरे के दाग-धब्बों (झाईयां) में
- जायफल को पीसकर (Ground nutmeg) शहद मिला लें। इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग और धब्बे मिटते हैं।
- जावित्री और जायफल के बारीक चूर्ण को पानी में घोलकर लेप करने से चेहरे की झाईयाँ मिट जाती हैं।
त्वचा रोग में
जायफल के तेल की मालिश करने से त्वचा संबंधित रोग दूर होता है। आप बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जायफल के उपयोग की जानकारी ले सकते हैं।
(जायफल के फायदे , Jaiphal Ke Fayde , Nutmeg Benefits in Hindi)
मुंह से बदबू आने पर
बराबर-बराबर भाग में कूठ, कमल, जावित्री और जायफल के चूर्ण लें। इसकी 500 मिग्रा की गोली बनाकर चूसें। इससे मुंह से दुर्गंध आने की परेशानी ठीक हो जाती है।
सेक्सुअल पॉवर (मर्दाना ताकत) बढ़ाने में
कई लोगों को सेक्सुअल पॉवर की कमी होने की शिकायत रहती है। ऐसे लोग पुरुषत्व (मर्दाना ताकत) को बढ़ाने के लिए जायफल का इस्तेमाल कर सकते हैं। जायफल, अकरकरा, जायफल, जावित्री, इलायची, कस्तूरी और केसर को दूध में पका लें। इस दूध में मिश्री मिलाकर पिएं। इससे पौरुष शक्ति (पुरुषत्व) की वृद्धि होती है।
मुंह के छाले की समस्या में
मुंह के छाले को ठीक करने के लिए ताजे जायफल के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
दांत दर्द में
जायफल के तेल में भिगोयी हुई रूई के फाहे को दांतों में रखें। आपको दांत में दबाकर रखना है। इससे दांत के दर्द से आराम मिलता है।
माइग्रेन (आधासीसी) में
जायफल के छिलके को वनफ्सा के तेल में पीस लें। इसे 1-2 बूंद नाक में डालने से आधासीसी (अधकपारी) के दर्द में आराम मिलता है।
(जायफल के फायदे , Jaiphal Ke Fayde , Nutmeg Benefits in Hindi)
खांसी में
खांसी का इलाज करने के लिए 500 मिग्रा जातिफलादि चूर्ण में मधु (शहद) मिलाकर सेवन करें। इससे खांसी, साँस का फूलना, भूख ना लगना, टीबी की बीमारी, और वात-कफ विकार के कारण होने वाली सर्दी-जुकाम में फायदा होता है।
अधिक प्यास लगने में
जायफल को रात भर ठंडे पानी में डूबो कर रखें। सुबह 5-10 मिली मात्रा में इस पानी को पिलाने से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
भूख बढ़ाने के लिए
बराबर-बराबर भाग में कंकोल, देवदारू, दालचीनी, सेंधा नमक, बेल, मरिच, जायफल, जीरक-द्वय और जावित्री लें। इनका बारीक चूर्ण कर लें। इसमें मातुलुंग नींबू का रस मिलाकर 250 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। इसका सेवन करने से अरुचि (भूख का बढ़ना) और दस्त की परेशानी ठीक होती है। जायफल को पानी में घिसकर पिलाने से जी मिचलाना ठीक होता है।
सिर दर्द में
जायफल का उपयोग सिरदर्द में भी बहुत ही फायदेमद होता है। जायफल को पानी में घिसकर सिर पर लगाएं। इससे सिर दर्द ठीक होता है।
कान के रोग में
- जायफल को पीसकर (Ground nutmeg) कान के पीछे लेप करने से कान का दर्द और सूजन ठीक होता है।
- जायफल को तेल में उबालकर छान लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालने से कान की बीमारी ठीक होती है।
पाचनतंत्र विकार में
- 500 मिग्रा जायफल के चूर्ण (nutmeg) को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
- बराबर-बराबर भाग में जायफल, जौ, नागरमोथा और बेल के चूर्ण (1-3 ग्राम) को छाछ के साथ सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है, और ग्रहणी रोग में लाभ होता है।
लकवा में
लकवे की बीमारी में भी जायफल का फायदा लिया जा सकता है। जायफल को मुंह में रखकर चूसने से लकवा रोग में लाभ होता है।
(जायफल के फायदे , Jaiphal Ke Fayde , Nutmeg Benefits in Hindi)
गठिया का इलाज
जायफल (jayfal) या जावित्री तेल को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे जकड़न, मोच, गठिया, लकवा में लाभ होता है।
पेट के रोग में
- पेट की बीमारी में 1-2 जातिफलादि वटी का सुबह और शाम सेवन करें। इससे पेट की बीमारी में लाभ होता है।
- पेट दर्द की परेशानी में 1-2 बूंद जायफल तेल को बताशे में डालकर खिलाएं। इससे पेट दर्द से आराम मिलता है।
दस्त पर रोक लगाने के लिए
- बराबर-बराबर भाग में जायफल और सोंठ (500 मिग्रा) लें। इसे जल में घिसकर सेवन करने से दस्त ठीक हो जाता है। इस दौरान स्वस्थ भोजन करना जरूरी है।
- दस्त पर रोक लगाने के लिए जायफल को घिसकर नाभि में लेप करें। इससे दस्त की गंभीर बीमारी भी तुरंत ठीक हो जाती है।
- दस्त को ठीक करने के लिए जायफल, लौंग, सफेद जीरा और सुहागा के 1 ग्राम चूर्ण में मधु और मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे दस्त की गंभीर बीमारी ठीक हो जाती है।
- इसी तरह 1-2 जातीफलादि वटी को सुबह और शाम छाछ के साथ सेवन करने से सभी तरह के दस्त ठीक हो जाते हैं।
- 500 मिग्रा जायफल (jayfal) चूर्ण में शहद मिलाकर खाने से पेट की गैस और दस्त की समस्या से आराम मिलता है।
- उल्टी और दस्त की बीमारी में 500 मिग्रा जायफल के चूर्ण में घी और खांड मिलाकर चाटें। इससे लाभ होता है।