भारत में ऐसा कौन-सा किचन होगा जहां तेजपत्ते का इस्तेमाल खाने में फ्लेवर लाने के लिए नहीं किया जाता होगा। लेकिन शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि तेजपत्ता के ऐसे अनगिनत गुण है जिसके कारण आयुर्वेद में इसको औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है। वैसे तो तेजपत्ता को सूखे मसाले के रुप में खाने में स्वाद और गंध बढ़ाने के लिये डाला जाता है लेकिन इसके सिवा ये सिर दर्द, जुकाम , दमा, अरूची जैसे कई बीमारियों से राहत दिलाने में भी मदद करता है।
तेजपत्ता क्या है? (What is Bay leaf in Hindi)
तेजपत्ता जो हम खाने में इस्तेमाल करते हैं वह सुखाए हुए होते हैं। सुखाए हुए पत्ते बाजारों में तेजपात के नाम से बिकते हैं। पत्तियों का रंग जैतूनी हरा तथा ऊपर वाला भाग चिकना, 3 स्पष्ट शिराओं वाला होता है। इसका गंध लौंग एवं दालचीनी का सम्मिलित होता है, लेकिन इसका गंध बहुत ही हल्का और मनोरम होता है।
इसका 7.5 मी ऊँचा छोटे से मध्यमाकार का सदाहरित वृक्ष होता है। इसकी तने की छाल का रंग गहरा भूरे रंग का अथवा कृष्णाभ, थोड़ी खुरदरी, दालचीनी की अपेक्षा कम सुगन्धित तथा स्वादरहित, बाहर का भाग हल्का गुलाबी अथवा लाल भूरे रंग की सफेद धारियों से युक्त होती है। इसके पत्ते सरल, विपरीत अथवा एकांतर, 10-12.5 सेमी लम्बे, विभिन्न चौड़ाई के, अण्डाकार, चमकीले, नोंकदार, 3 शिराओं से युक्त सुगन्धित एवं स्वाद में तीखे होते हैं। इसके नये पत्ते कुछ गुलाबी रंग के होते हैं। इसके फूल हल्के पीले रंग के होते हैं। इसके फल अण्डाकार, मांसल, लाल रंग के, 13 मिमी लम्बे होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल अगस्त से फरवरी तक होता है।
तेजपत्ता के एंटी-इंफ्लैमटोरी, एंटीफंगल, एंटीबैक्टिरीयल गुणों के कारण उसको आयुर्वेद में उपचार के लिए विशेष स्थान प्राप्त है। तेजपत्ता प्रकृति से हल्का, तीखा, कड़वा, मधुर, गर्म होता है। यह पाचन में सहायक, मस्तिष्क को तेज करने वाला, पेशाब को साफ करने वाला, पेट या आमाशय के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक होता है।
(तेज पत्ता के फायदे और उपयोग , Tej Patta Ke Fayde aur Upyog , Benefits And Uses of Bay Leaf)
वजन को कर सकता है कम
तेज पत्ते के पानी का सेवन करने से आपके शरीर का वजन कम हो सकता है। दिन में दो से तीन बार इस पानी के सेवन से आपके शरीर की चर्बी घट सकती है। आप चाहें, तो सुबह खाली पेट, दोपहर में खाने के बाद और रात में डिनर से कुछ घंटे पहले इस पानी का सेवन कर सकते हैं। कोशिश कीजिए की तेजपत्ते का पानी हल्का गुनगुना हो। इससे आपके शरीर के चर्बी कम हो सकती है।
ब्लड शुगर को करे नियंत्रित
तेजपत्ते का पानी नियमित रूप से पीने से आपके शरीर का ब्लड शुगर कंट्रोल हो सकता है। दरअसल, तेजपत्ते में फाइटोकेमिकल्स पाया जाता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है। सर्दियों में तेजपत्ते का हल्का गुनगुना पानी पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रह सकता है।
इंफेक्शन होगा दूर
तेजपत्तों में विटामिन सी भरपूर रूप से होता है। यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो इंफेक्शन को बचाने में मददगार हो सकते हैं। सर्दियों में नियमित रूप से तेजपत्तों का पानी पीने से आपको सर्दी-जुकाम की परेशानी कम होगी।
सिरदर्द में फायदेमंद तेजपत्ता
आजकल लोगों के लिए सिरदर्द की समस्या आम हो गई है। दिन भर काम का तनाव, भाग-दौड़, कंप्यूटर पर लगातार काम, फोन के स्क्रीन पर लगातार काम , ज्यादा धूप में घूमना, ज्यादा ठंड, ऐसे असंख्य सिरदर्द होने के कारण है। इसके लिए तेजपत्ता का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद होता है। 10 ग्राम तेजपत्ता के पत्तों को जल में पीसकर, कपाल पर लेप करने से ठंड या गर्मी से उत्पन्न सिरदर्द से आराम मिलता है। (तेज पत्ता के फायदे और उपयोग , Tej Patta Ke Fayde aur Upyog , Benefits And Uses of Bay Leaf)
सर्दी-जुकाम से दिलाये राहत तेजपत्ता
मौसम बदला कि नहीं बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े सभी सर्दी-जुकाम के परेशानियों से जुझने लगते हैं। चाय पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम, छीकें आना, नाक बहना, जलन, सिर-दर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है। इसके अलावा 5 ग्राम तेजपात छाल और 5 ग्राम छोटी पिप्पली को पीसकर, मिलाकर 500 मिग्रा चूर्ण को शहद के साथ चटाने से खांसी और जुकाम में लाभ होता है।
दांतों में लाये चमक तेजपत्ता
यदि किसी कारण दांतों का चमक चला गया है तो तेजपत्ता के बारीक चूर्ण को सुबह-शाम दांतों पर मलने से दांतों में चमक आ जाती है।
शरीर के सूजन को करे कम
तेजपत्ते में सिनेओल मौजूद होता है, जो सूजन से लड़ने में आपकी मदद कर सकता है। नियमित रूप से तेजपत्ते का पानी पीने से शरीर के सूजन को दूर किया जा सकता है। अगर सर्दियों में आपको सूजन की परेशानी बढ़ जाती है, तो नियमित रूप से दिन में 2 बार तेजपत्ते के गुनगुने पानी का सेवन करें। इससे काफी लाभ मिलेगा।
किडनी स्टोन की परेशानी से करे बचाव
तेजपत्ते का पानी किडनी स्टोन की परेशानियों से बचाव करने में मददगार हो सकता है। किडनी स्टोन की परेशानी होने पर तेजपत्ते को पानी में उबाल लें। अब उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। दिन में दो से तीन बार इस पानी का सेवन करने से किडनी स्टोन की परेशानी से काफी लाभ मिलेगा।
नींद को करे बेहतर
अनिद्रा की शिकायत को दूर करने में तेजपत्ते का पानी आपके लिए बहुत ही लाभकारी हो सकता है। इसके लिए रात में खाने के कुछ घंटे बाद तेजपत्ते का पानी पिएं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा। (तेज पत्ता के फायदे और उपयोग , Tej Patta Ke Fayde aur Upyog , Benefits And Uses of Bay Leaf)
गर्भाशय शोधन में लाभकारी तेजपत्ता
1-3 ग्राम तेजपात के पत्ते के चूर्ण को सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय का शोधन होता है। तेजपात के काढ़े में बैठने से गर्भाशय की पीड़ा कम होती है। 40-60 मिली तेजपात के पत्तों का काढ़ा प्रसूता यानि जिसकी डिलीवरी हुई है उसको सुबह शाम पिलाने से दूषित रक्त तथा मल आदि निकल कर गर्भाशय शुद्ध हो जाता है।
पाचन ठीक करने में फायदेमंद तेजपत्ता
तेजपत्ते में उष्ण गुण होने के कारण यह पाचक अग्नि को तीव्र कर भूख बढ़ाता है साथ ही पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
एंटी कैंसर गुणों के लिए तेजपत्ता से लाभ
एक रिसर्च के अनुसार तेजपत्ते में एंटी कैंसर गुण भी पाए जाते है जिससे कैंसर के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।
मसूड़ों की बीमारी में लाभकारी तेजपत्ता
अगर मसूड़ों में सूजन, खून आने जैसी समस्याएं हो रही है तो तेजपत्ता का औषधिय गुण उपचारस्वरुप बहुत काम आता है। तेजपत्ता के डंठल को चबाते रहने से मसूड़ों से खून का आना बन्द हो जाता है।
हकलाने की समस्या सुधारने में फायदेमंद तेजपत्ता
अगर किसी को रुक-रुक कर या हकला कर बात करने की समस्या है तो तेजपत्ते का घरेलू उपचार फायदेमंद साबित हो सकता है। तेजपत्ता के पत्तों को नियमित रूप से चूसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है। (तेज पत्ता के फायदे और उपयोग , Tej Patta Ke Fayde aur Upyog , Benefits And Uses of Bay Leaf)
भूख न लगने की समस्या में लाभकारी तेजपत्ता
अगर किसी बीमारी के कारण या तनाव के कारण खाने की इच्छा में कमी आई है तो तेजपत्ता का सेवन इस तरह से करने में जल्दी आराम मिलता है। तेजपत्ता का रायता सुबह-शाम पीने से भूख ना लगने की समस्या दूर होती है।
लीवर के सूजन में फायदेमंद तेजपत्ता
अगर लीवर में किसी बीमारी के कारण सूजन हो गया है तो तेजपत्ता का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है। समान मात्रा में तेजपत्ता, लहसुन, काली मरिच, लौंग तथा हल्दी के चूर्ण का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पीने से लीवर संबंधी रोगों में लाभ होता है।
दिल को स्वस्थ रखने में तेजपत्ता का उपयोग
एक रिसर्च के अनुसार तेजपत्ते में ह्रदय को स्वस्थ रखने का गुण पाए जाता है। तेजपत्ते का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है जिसमें हृदय से सम्बंधित कुछ परेशानियों के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
मासिक धर्म के समय तेजपत्ता का इस्तेमाल फायदेमंद
मासिक धर्म के समय में होने वाले दर्द का मुख्य कारण वात दोष का बढ़ना होता है। ऐसे में तेजपत्ते के वात शामक गुण होने के कारण यह इस अवस्था में लाभ पहुंचाता है।
तनाव दूर करने में तेजपत्ता फायदेमंद
तनाव होने के कारण वात दोष का असंतुलित होना होता है। ऐसे में तेजपत्ते के वात शामक गुण होने के बाद यह तनाव को रोकने एवं काम करने में मदद करता है।
अल्सर से राहत दिलाने में तेजपत्ता लाभकारी
अल्सर होने का कारण पाचन का ख़राब होना होता है। तेजपत्ते में दीपन- पाचन होने के कारण यह पाचन को ठीक करता है जिससे अल्सर होने होने की संभावना कम हो जाती है। (तेज पत्ता के फायदे और उपयोग , Tej Patta Ke Fayde aur Upyog , Benefits And Uses of Bay Leaf)
कोलेस्ट्रॉल को ठीक करने में तेजपत्ता
अगर आप बढ़े हुये कोलेस्ट्रॉल के लेवल से परेशान है तो आप अपने खाने के रूटीन तेजपत्ते को जोड़ ली जिये क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार तेजपत्ते का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में भी काम आता है।