वेद भारत की आत्मा हैं, वेदों में जो ज्ञान है वह संसार में किसी और पुस्तक में नहीं है। वेद ज्ञान का भंडार हैं जिन्हें जगतपिता ब्रह्मा द्वारा रचा गया था। वेद की भाषा और मर्म को ‘पुराणों’ के बगैर समझना नामुमकिन है।
ये पुराण भारतीय ज्ञान-विज्ञान,परंपरा और महानतम संस्कृति के सबसे महत्वपूर्ण स्तोत्र हैं। महर्षि वेदव्यास ने जनमानस के कल्याणार्थ ब्रह्मा द्वारा मौलिक रूप से रचित,पुराण का पुनर्लेखन और सम्पादन किया और इसके श्लोकों की संख्या सौ करोड़ से घटाकर चार लाख तक सीमित कर दिया।
महर्षि वेदव्यास जी द्वारा रचित 18 महापुराणों में से एक ‘पुराण’ है भविष्य पुराण। यह पुराण अन्य सभी पुराणों से सर्वथा भिन्न है। भविष्य पुराण में ढेर सारी ऐसी बातें हैं,जो चमत्कृत करती हैं।
विद्वानों के अनुसार पुराण में मूलतः पचास हजार (50000) श्लोक विद्यमान थे,परन्तु श्रव्य परम्परा पर निर्भरता और अभिलेखों के लगातार विनष्टीकरण के परिणामस्वरूप वर्तमान में केवल 129 अध्याय और अठ्ठाइस हजार (28000) श्लोक ही उपलब्ध रह गये हैं।
स्पष्ट है कि अभी भी दुनिया उन अद्भुत एवं विलक्षण घटनाओं और ज्ञान से पूर्णतया अनभिज्ञ हैं जो इस पुराण के विलुप्त आधे भाग में वर्णित रही होंगी।(भविष्य पुराण की भविष्यवाणियाँ , Bhavishya Puran In Hindi , Bhavishy Puraan Ki Bhavishyavaaniyaan)
भविष्य पुराण क्या हैं- Bhavishya Puran in Hindi
महाऋषि वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में से एक है भविष्य पुराण औऱ इस पुराण का नाम सुन कर ही यह समझ आता है कि इसमें भविष्यवाणी लिखीं होंगी।
सनातन धर्म के विद्वानों का मानना है भविष्य पुराण में 50000 श्लोक हुआ करते थे लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे धर्म, गुरुकुल शिक्षा और सनातन सभ्यता का पतन होता गया वैसे-वैसे हज़ारों साल पुराने ग्रंथों, वेदों और पुराणों में लिखी बातें धूमिल होती गईं और पुराणों के ज्यादातर अंश विलुप्त हो गए।
वर्तमान में भविष्य पुराण में सिर्फ 129 अध्याय और 18000 श्लोक बाकी रह गए हैं इसका मतलब ऐसी बहुत सी घटनाए जो घट चुकी हैं और भविष्य में घटने वाली थीं जिसे इंसान पूरी तरह अनभिज्ञ हो चुका है।
भविष्य पुराण में भविष्यवाणी के अलावा भी बहुत कुछ है जैसे विक्रम और बेताल के बीच हुए संवाद की गाथा का वर्णन है साथ ही आयुर्वेद, आदि कालीन भारत के तीर्थ स्थल, धार्मिक उपदेश, व्रत, वृत्तान्त, नित्यकर्म, सनातनी संस्कृति और संस्कार को परिभाषित किया गया है। (भविष्य पुराण की भविष्यवाणियाँ , Bhavishya Puran In Hindi , Bhavishy Puraan Ki Bhavishyavaaniyaan)
भविष्य पुराण में सबसे दिलचस्प हिस्सा यही है कि इसमें भविष्य में होने वाली घटनाओं का साफ स्पष्ट शब्दों में बताया गया है तथा भविष्य पुराण में जिस विस्तार से भारत के आधुनिक इतिहास का वर्णन किया गया है वैसा किसी भी पुराण में नहीं किया गया।
पुराण में बीते इतिहास के बारे में इतनी डिटेल में बातें लिखी गईं है कि इतिहासकारों को भी इतिहास लिखने के लिए भविष्य पुराण से आधार लेना पड़ा है आपको बता दें कि भविष्य पुराण को सौर्य पुराण भी कहते हैं क्योंकि इसमें भगवान सूर्य के आकार, कृपा, महत्व, और सूर्य देव की पूजा उपासना का वर्णन है।
भविष्य पुराण प्रतिसर्ग पर्व
सन् 1857 में इंग्लैण्ड की महारानी विक्टोरिया के भारत की साम्राज्ञी बनने और आंग्ल भाषा के प्रसार से भारतीय भाषा संस्कृत के विलुप्त होने की भविष्यवाणी भी इस ग्रन्थ में की गयी है।
महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित इस पुराण को इसीलिए भविष्य का दर्पण भी कहा गया है। रविवारे च सण्डे च फाल्गुनी चैव फरवरी। षष्टीश्च सिस्कटी ज्ञेया तदुदाहार वृद्धिश्म् ।। (भविष्य पुराण प्रतिसर्ग पर्व)
इस श्लोक में बताया गया है की भविष्य में अर्थात आंग्ल युग में जब संस्कृत भाषा का लोप हो जाएगा। तब रविवार को ‘सण्डे’, फाल्गुन महीने को ‘फरवरी’ और षष्टी को सिक्स कहा जाएगा। (भविष्य पुराण की भविष्यवाणियाँ , Bhavishya Puran In Hindi , Bhavishy Puraan Ki Bhavishyavaaniyaan)
जीसस और इस्लाम की भी है भविष्यवाणी –
पुराण में द्वापर और कलियुग के राजा तथा उनकी भाषाओं के साथ-साथ विक्रम बेताल तथा बेताल पच्चीसी की कथाओं का विवरण भी है। सत्य नारायण की कथा भी इसी पुराण से ली गयी है।
इस पुराण में ऐतिहासिक व आधुनिक घटनाओं का सुन्दर मिश्रण किया गया है। ईसा मसीह का जन्म, उनकी भारत-यात्रा, मुहम्मद साहब के अरब में आविर्भाव का अचूक वर्णन किया गया है।
इससे पता चलता है की व्यास जी की दृष्टि वाकई इतनी दिव्य थी कि उन्होंने भविष्य में घटित होने वाली सभी गतिविधियों को उन्होंनें पहले ही इस पुराण में लिपि बद्ध कर लिया।
भविष्य पुराण में गौतम बुद्ध का वर्णन
इतना ही नहीं भविष्य पुराण में गौतम बुद्ध का भी वर्णन है और यह भी कहा गया है कि लाखों आर्यों ने कैसे बुद्ध धर्म अपना लिया लेकिन वेदव्यास अपने उपपुराण नरसिंह पुराण में कहते हैं कि भगवान विष्णु कलयुग में बौध्द का अवतार लेंगे और ठीक इसका उलट भविष्य पुराण में बौद्ध को भी पिशाच बताया जाता है।
आज तक पुराण पढ़ने वाले यह नहीं बता पाए हैं कि आखिर अलग-अलग पुराणों में एक ही व्यक्ति के लिए वेदव्यास ने अलग-अलग बातें क्यों लिखीं इसलिए अधिक गहराई से जानने के लिए आपको इस पुराण को पढ़ना चाहिए।
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भारत के आक्रमणकारियों के बारे में भी लिखा है
भविष्य पुराण में खिलजियों, मुग़लो, आक्रमणकारियों जैसे अल्लाउद्दीन, बाबर, औरंगजेब, चंगेजखान और उनकी सेनाओं के आतंक, चोरी, और अधर्म के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है तथा इन सब का भी जिक्र किया गया है कि कैसे इन आक्रमणकरियों ने भारत के मंदिर तोड़ कर मुर्तिया चुराईं।
साथ ही कैसे हिन्दू और मुसलमानों का युध्द हुआ यह सब पहले ही वेदव्यास ने भविष्य पुराण में लिख दिया था यहां तक की आधुनिक इतिहास की बात करें तो आज़ादी के पहले जब भारत ब्रिटिशों का ग़ुलाम था तब क्वीन विक्टोरिया के बारे में भी बताया गया है। विष्णु पुराण में सिक्ख संतो से लेकर छत्रपति शिवाजी सहित कई वीर योद्धाओं का भी विश्लेषण किया गया है। (भविष्य पुराण की भविष्यवाणियाँ , Bhavishya Puran In Hindi , Bhavishy Puraan Ki Bhavishyavaaniyaan)
भविष्य पुराण में यह कहा गया है कि इस संसार मे संस्कृति और संस्कृत भाषा दोनों का आस्तित्व समाप्त हो जाएगा औऱ लोग रविवार को सन्डे, फाल्गुन को फरवरी और षष्टी को सिक्स बोलेगे तथा विदेसी भाषा संस्कृत पर हावी हो जायगी।
भविष्य पुराण में कलयुग के बारे में
भविष्य पुराण में कलयुग के बारे में जो लिखा है वह जानकर आपका सिर चकरा जाएगा क्योंकि वेदव्यास द्वारा लिखे गए भविष्य पुराण में कलयुग को लेकर जो लिखा गया है वर्तमान में कुछ वैसा ही होने लगा है।
भविष्य पुराण में लिखा है कि कलयुग में वेदों को नहीं माना जाएगा, विवाह को धर्म नहीं माना जाएगा, शिष्य गुरु की इज्जत नहीं करेंगे, बेटा बाप की सेवा नहीं करेगा न ही पुत्र धर्म अपनाएगा, जो बलवान होगा वही सबका स्वामी होगा, लोग अपनी कन्या बेंच कर पैसे कमाएंगे, वेद व्यास कहते हैं कि कलयुग में थोड़े से ही पैसों का इंसान को घमंड होगा, स्त्रियों को धनी लोग ही अच्छे लगेंगे और वह गरीब पुरुषों को त्याग देंगी, दान पुण्य नहीं होगा, बुद्धि सिर्फ पैसों को जुटाने में होगी।
पुराण में लिखा है कि कलयुग की प्रजा हमेशा मानसिक अवसाद से पीड़ित होगी इसके अलावा बाढ़, सूखे और युद्ध भय से प्रजा भयभीत रहेगी। कलयुग में सदा अकाल पड़ता रहेगा, वर्षा होना बंद हो जाएगी, राजा प्रजा लो लूटेगा, कम उम्र की लड़कियां बच्चा पैदा करेगीं, मनुष्य की उम्र धीरे-धीरे कम होती जाएगी औऱ भगवान की भक्ति ऐसी होगी जिसका कोई विधान नहीं है।
ऐसा कहा गया है कि धरती में मनुष्यों के कारण महाप्रलय आएगा औऱ चोर-चोर को मरेगा, हत्यारों की भी हत्या होगी और लोग बुढ़ापे से परेशान रहेंगे ऐसी अनेकों बातें इस पुराण में विस्तार से बताई गई है जिसके लिए आपको भविष्य पुराण को पढ़ना चाहिए।
भविष्य पुराण क्यों पढ़ना चाहिए
भविष्य पुराण सहित बाकी पुराण और ग्रंथ कुछ पन्नो की छोटी सी किताब नहीं है यह सनातन धर्म के बुद्धिमान पूर्वजों की महानता की एक गाथा है जिसमे उन्होंने अपना ज्ञान आने वाली पीठि के लिए लिखा है।
परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि विदेशी आक्रमणकारियों ने सनातन धर्म की लाखों ऐसी किताबों, वेदों, पुराणों और ग्रंथो को नष्ट कर दिया औऱ अगर आज वह हमारे पास होतीं तो भारत पहले की तरह विश्वगुरु होता।
भविष्य पुराण इतना व्यापक है कि इसका सम्पूर्ण सारांश किसी लेख में उकेरा नहीं जा सकता इसलिए इस पुराण को गहराई से जानने के लिए इसे पढ़ना होगा क्योंकि वेदों व पुराणों से ज्यादा ज्ञान इस संसार की किसी भी किताब में नहीं है।
कहाँ मिलेगी भविष्य पुराण
बदलते समय के साथ-साथ लोगों ने इस पुराण को भी कई हिस्सों से तोड़ा मरोड़ा है देखा जाए तो रामायण भी अलग-अलग प्रकार की है जिसमे लेखक ने कई घटनाओं में अपने मन से बदल दिया है।
वर्तमान समय में सम्पूर्ण पुराण मिलना तो मुमकिन नहीं है मगर शेष 18500 श्लोक की भविष्य पुराण गीताप्रेस, या फिर आपके शहर में किसी धार्मिक किताब बेचने वाली दुकान में मिल सकती है तथा गूगल प्ले स्टोर और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट में भी भविष्य पुराण डाऊनलोड किए जा सकते हैं।